राजस्थान में लोकसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे. कांग्रेस ने बड़ा उलटफेर करते हुए आठ सीटें अपने नाम की, जबकि तीन सीटें उसके सहयोगी पार्टियों को मिली है. वहीं बीजेपी कोत 14 सीटें मिली हैं. इस चुनाव में एक रोचक बात ये भी रही कि इस बार एक भी गुर्जर नेता को जीत नहीं मिल सकी.
दरअसल, इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो और बीजेपी ने एक सीट पर गुर्जर नेता को टिकट दिया था. कोटा और टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर बेहद रोचक मुकाबले में दोनों गुर्जर नेता चुनाव हार गए हैं. ये वो सीटें है जहां गुर्जर बाहुल्य वोटर्स की संख्या अधिक है, फिर भी गुर्जर प्रत्याशी चुनाव हार गए.
ये रही वजह
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद यहां का समीकरण जो बना है उसमें जाट, मीणा और गुर्जर एक साथ हुए लेकिन इन्हें सचिन पायलट का भरपूर साथ नहीं मिला और बीजेपी ने अपने किसी बड़े गुर्जर नेता विजय बैंसला को मजबूती से आगे नहीं किया.
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इन सीटों पर हारे गुर्जर नेता
कांग्रेस के राजसमंद से प्रत्याशी दामोदर गुर्जर, कोटा से कांग्रेस प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल और टोंक-सवाईमाधोपुर से बीजेपी के सीटिंग एमपी सुखबीर सिंह जौनापुरिया को चुनाव में हार मिली है. ये कांग्रेस और बीजेपी के मजबूत दावेदार माने जाते रहे.
साल 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सचिन पायलट ने चुनाव जीता था. उसके बाद साल 2014 और 2019 में सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने चुनाव जीता था. मगर, इस बार कोई गुर्जर प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया है.
गुर्जर नेता कितने वोटों से हारे
राजसमंद से कांग्रेस के दामोदर गुर्जर की हार हुई है. उन्हें कुल 3,88,980 मत मिले और 3,92,223 वोटों से चुनाव हार गए. यहां पर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला था. वहीं, कोटा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रह्लाद गुंजल को 7,08,522 वोट मिले और उनकी 41,974 वोटों से हार हुई. हाड़ौती की कोटा लोकसभा सीट बेहददिलचस्प थी. बूंदी, विधानसभा सीट पर गुर्जर बाहुल्य होने के बाद भी प्रह्लाद पीछे रहे गए.
टोंक-सवाईमधोपुर से बीजेपी के सांसद हारे
टोंक-सवाईमधोपुर से बीजेपी के सीटिंग एमपी सुखबीर सिंह जौनापुरिया को जहां 5,58,814 मत मिले लेकिन 64,949 मतों से हार हो गई. इस सीट पर जीतने वाले कांग्रेस के हरीश मीणा सचिन पायलट के खास माने जाते हैं. यहां पर गुर्जर वोटर्स सचिन की वजह से कांग्रेस के साथ चले गए. जबकि, पिछली बार यहां पर बीजेपी के सुखबीर सिंह जौनापुरिया को एक लाख से अधिक मतों से जीत मिली थी.