एक कोचिंग सेंटर पर पेपर हल करते हुए पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर पुलिस ने फाइल ही बंद कर दी। पेपरलीक को लेकर न सरकार को जानकारी दी गई न ही यह जानकारी नहीं जुटाई गई की लीक पेपर किन-किन को मिला।
पहले दिन बीकानेर की स्कूल से लीक हुआ
वर्ष 2021 में आरपीएससी ने उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 13, 14 व 15 सितंबर को कराई थी। पहले दिन ही पेपर लीक हो गया था। इसी दौरान बीकानेर पुलिस ने मुरलीधर व्यास कॉलोनी में पेपरलीक के सरगना दिनेश बेनीवाल सहित छह जनों को पकड़ा था। ये परीक्षा का हिंदी का पेपर हल करने के साथ अभ्यर्थियों तक पहुंचा रहे थे। पुलिस ने गिरोह के तार नहीं खंगाले।
बताया जा रहा है कि इन आरोपियों के तार बड़े गिरोह से जुड़े थे। पेपर गिरफ्तार आरोपी राजाराम, विकास विश्नोई, नरेन्द्र खींचड़ व दिनेश सिंह चौहान ने उपलब्ध कराया था। बीकानेर की श्रीराम सहाय आदर्श सीनियर सैकंडरी स्कूल संचालक दिनेश ने पेपर के 20 लाख रुपए मांगे थे। बाद में सौदा 15 लाख में तय हुआ था। पेपर दिनेश ने चुरा कर परीक्षा शुरू होने से पहले वाट्सऐप पर राजाराम को दिया था। इसके लिए राजाराम व अन्य ने दिनेश को तीन लाख का भुगतान पहले ही कर दिया था।
इस तथ्य के बाद भी भर्ती परीक्षा रद्द नहीं की गई। पेपरलीक होने के बाद भी कोई अभ्यर्थी नहीं पकड़ा गया। पुलिस ने इस मामले में इतनी जल्दी बरती कि मौके पर पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर फाइल बंद कर दी। ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस पेपर से भी कई अभ्यर्थी भर्ती हुए हैं।
दो दिन जयपुर के स्कूल से लीक हुआ था पेपर
एक तरफ बीकानेर पुलिस की तफ्तीश जिसमें परीक्षा के समय ही लीक पेपर मिलने के बाद भी पुलिस चुप बैठी रही, वहीं दूसरा मामला जयपुर में हुआ। यहां ढाई साल बाद अब पता चला कि हसनपुरा की रवीन्द्र बाल भारती स्कूल से पेपर लीक हुआ था। तार से तार जोड़ते हुए एसओजी न केवल पेपरलीक करने वालों तक पहुंची बल्कि उन 32 थानेदारों को भी गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने लीक पेपर पढ़ कर परीक्षा दी थी। गिरफ्तार थानेदारों की सख्या अभी और बढ़ने वाली है। इनकी संख्या को देखते हुए अब भर्ती परीक्षा रद्द होने की मांग उठने लगी है।