FirstCry IPO: ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न फर्स्टक्राय का IPO 6 अगस्त को खुल रहा है और 8 अगस्त को क्लोज होगा। इसके लिए प्राइस बैंड 440-465 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। लॉट साइज 32 शेयर है।एंकर निवेशक 5 अगस्त को बोली लगा सकेंगे। IPO क्लोज होने के बाद शेयरों की लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर 13 अगस्त को होगी। FirstCry बेबी और मदर केयर प्रोडक्ट्स की बिक्री करता है। IPO में 1,666 करोड़ रुपये के 3.58 करोड़ नए शेयर जारी होंगे। साथ ही 2,527.73 करोड़ रुपये के 5.44 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) रहेगा। कंपनी कुल 4,193.73 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।
FirstCry में प्रेमजी इनवेस्ट, महिंद्रा एंड महिंद्रा और सॉफ्टबैंक सहित अन्य एंटिटीज का पैसा लगा हुआ है। पिछले प्राइवेट फंडिंग राउंड में इसकी वैल्यूएशन 2.8 अरब डॉलर आंकी गई थी। फिलहाल, फर्स्टक्राय में सॉफ्टबैंक की 25.55 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि ब्रेनबीज सॉल्यूशंस और महिंद्रा की 10.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एसवीएफ फ्रॉग (केमैन) लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, TPG, पीआई ऑपर्च्युनिटीज और नेक्स्टजेन उन निवेशकों में शामिल हैं, जो OFS के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं।
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FirstCry IPO में रिजर्व हिस्सा
FirstCry IPO में 75 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 10 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है।
पहले दिसंबर 2023 में IPO डॉक्युमेंट किए थे फाइल
फर्स्टक्राय की पेरेंट कंपनी BrainBees Solutions ने सबसे पहले दिसंबर 2023 में IPO डॉक्युमेंट फाइल किए थे। लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया क्योंकि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने डिसक्लोजर और फाइनेंशियल्स को लेकर और डिटेल्स मांगी थीं। इसके बाद कंपनी ने अपडेटेड IPO ड्राफ्ट फाइल किया।
ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, फर्स्टक्राय ने 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त 9 महीनों में 4,814 करोड़ रुपये का रेवन्यू दर्ज किया, जबकि इसी अवधि के दौरान उसे 278 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। कुल बिक्री का करीब 77 प्रतिशत हिस्सा ऑनलाइन चैनल्स के जरिए आया, जबकि शेष 23 प्रतिशत ऑफलाइन स्टोर्स के जरिए हासिल हुआ। वित्त वर्ष 2024 में फर्स्टक्राय का रेवेन्यू 6,480.86 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 5,632.54 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष के दौरान स्टार्टअप को 321.51 करोड़ रुपये का घाटा देखना पड़ा, जबकि इससे एक साल पहले घाटा 486.01 करोड़ रुपये था।