8th Pay Commission latest news: बीते अक्टूबर महीने में आठवें वेतन आयोग के गठन के बाद से केंद्रीय कर्मचारियों के बीच कई तरह के कन्फ्यूजन हैं। वहीं, वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) को लेकर कई तरह के मांग भी किए जा रहे हैं। कई प्रमुख कर्मचारी संगठनों ने सरकार से ToR में संशोधन कर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से जुड़े महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़ने की मांग की है। इसी क्रम में केंद्रीय सरकारी कर्मचारी एवं श्रमिक परिसंघ भी इस मुहिम में शामिल हो गया है। संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विस्तृत पत्र भेजकर कई अहम बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई की अपील की है। पत्र की एक प्रति वित्त सचिव को भी भेजी गई है। परिसंघ का दावा है कि वह लगभग 130 विभागों में कार्यरत 8 लाख केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है।
क्या है मांग?
परिसंघ ने मांग की है कि 8वें वेतन आयोग की शर्तों में संशोधन कर पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए पेंशन संशोधन के प्रावधान जोड़े जाएं। इसके साथ ही आयोग के गठन में देरी के कारण कर्मचारियों को 20% अंतरिम राहत देने की भी मांग की गई है। परिसंघ ने अपने पत्र में सबसे प्रमुख मुद्दा पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को बनाया है। पत्र में लिखा गया है कि कर्मचारियों में NPS को लेकर निरंतर असंतोष बढ़ रहा है और OPS की बहाली से ही भविष्य का वित्तीय सुरक्षा कवच सुनिश्चित किया जा सकता है।
संगठन ने मांग की कि OPS को केंद्रीय कर्मचारियों सहित केंद्र द्वारा वित्तपोषित स्वायत्त और वैधानिक निकायों पर भी लागू किया जाए। परिसंघ ने पीएम मोदी को भेजे पत्र में यह भी लिखा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने की स्पष्ट प्रभावी तिथि तय की जाए ताकि कर्मचारियों में भ्रम न रहे। इसके साथ ही पेंशन और पेंशन संबंधी लाभों का संशोधन भी ToR में शामिल किया जाए।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी जोर
कर्मचारी संगठनों की एक और बड़ी चिंता यह है कि देशभर में मौजूद केंद्र सरकार के स्वायत्त निकायों और वैधानिक संगठनों के कर्मचारियों को भी 8वें सीपीसी के लाभ मिलें। संगठन का कहना है कि ये कर्मचारी समान कार्य करते हैं लेकिन समय-समय पर आयोग की सिफारिशों के लाभ से वंचित रह जाते हैं। इसके अलावा, परिसंघ ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी जोर दिया है।
अक्टूबर महीने में हुआ था गठन
बता दें कि अक्टूबर महीने में केंद्र सरकार ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दे दी थी। आयोग 18 महीने में अंतिम रिपोर्ट देगा लेकिन एक जनवरी, 2026 से ही उसकी सिफारिशें प्रभावी होने की संभावना है। इन सिफारिशों से केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही इसकी अनुशंसाओं का प्रभाव राज्य सरकारों के कर्मचारियों के वेतन ढांचे पर भी पड़ेगा।






