नई दिल्ली। Public Examination Bill 2024: सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल, सरकार की ओर से आज लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 बिल पेश किया गया, जिसे मंजूरी दे दी गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में भी कहा था कि हमारी सरकार पेपर लीक रोकने के लिए बिल लेकर आएगी।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह इस विधेयक को सबसे पहले निचले सदन लोकसभा में पेश किया। लोकसभा में पास होने के बाद इसे ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया जाएगा। दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा।
सख्त हुए सजा के प्रावधान
विधेयक का जोर परीक्षा पत्रों तक पहुंच हासिल करने और उन्हें उम्मीदवारों तक पहुंचाने के लिए अनुचित तरीकों से शामिल संगठित सिंडिकेट पर नकेल कसने पर होगा। इसके अलावा इसमें सजा के प्रावधान भी सख्त किए जाएंगे।
प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य उन व्यक्तियों, संगठित समूहों या संस्थानों को प्रभावी और कानूनी रूप से रोकना है, जो विभिन्न अनुचित साधनों में शामिल होते हैं। मौद्रिक या गलत लाभ के लिए सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले पर सख्त कार्रवाई किए जाने का फैसला किया गया है। इस कानून के दायरे में UPSC, SSB, RRB, बैंकिंग, NEET, JEE, CUET जैसे एग्जाम आएंगे। रिपोर्ट के अनुसार, तय अभ्यर्थी के स्थान पर किसी और को परीक्षा दिलाने, पेपर सॉल्व कराने, केंद्र के अलावा कहीं और परीक्षा आयोजित करने या परीक्षा से जुड़ी धोखेबाजी की जानकारी नहीं देने वालों पर कार्रवाई होगी। वर्तमान में पेपर लीक रोकने के लिए अपराधी के लिए तीन लाख से 5 लाख जुर्माना और एक से तीन साल की सजा या दोनों का प्रावधान है, लेकिन नई न्याय संहिता के तहत इस अपराध में जुर्माना एक करोड़ रुपये तक हो सकता है और सजा दस साल तक की हो सकती है। कंप्यूटर आधारित परीक्षा करा रहा सर्विस प्रोवाइडर अगर गलत कामों में शामिल पकड़ा जाता है, तो 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है। साथ ही, 4 सालों के लिए परीक्षा आयोजित कराने पर भी रोक लग सकती है।