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February 23, 2025 7:38 am

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अब ऐसी होगी रजिस्ट्री Land Registry New Rules 2025……’जमीन रजिस्ट्री के बदल गए ये 4 नियम!

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भारत सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से पूरे देश में लागू होंगे। इन नियमों का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और आसान बनाना है, ताकि नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

नए नियमों के तहत, पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी। कागजी कार्रवाई के बजाय कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग किया जाएगा। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया न केवल तेज और आसान होगी, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी। साथ ही, आधार कार्ड से लिंकिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे नए नियम रजिस्ट्री में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाएंगे।

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जमीन रजिस्ट्री नए नियम 2025

जमीन रजिस्ट्री के नए नियम 2025 संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य रखते हैं। ये नियम 1 जनवरी 2025 से पूरे भारत में लागू होंगे। सरकार का उद्देश्य है कि जमीन रजिस्ट्री को पूरी तरह से डिजिटल बनाया जाए ताकि धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को कम किया जा सके।

जमीन रजिस्ट्री नए नियम 2025 की मुख्य जानकारी
विवरण जानकारी
योजना का नाम जमीन रजिस्ट्री नए नियम 2025
लागू होने की तिथि 1 जनवरी 2025
लाभार्थी सभी संपत्ति खरीदार और विक्रेता
मुख्य बदलाव डिजिटल पंजीकरण, आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन शुल्क भुगतान
उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना, प्रक्रिया को सरल बनाना
कार्यान्वयन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा
लाभ तेज प्रक्रिया, कम भ्रष्टाचार, बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन
डिजिटल पंजीकरण प्रक्रिया 

नए नियमों के तहत, जमीन पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी। कागजी कार्रवाई के बजाय कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग किया जाएगा। इसके तहत:

  • सभी दस्तावेज डिजिटल फॉर्मेट में जमा किए जाएंगे
  • रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी
  • घर से ही ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकेगा
  • डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाएगा
  • पंजीकरण के तुरंत बाद डिजिटल प्रमाणपत्र उपलब्ध होगा

यह पंजीकरण प्रक्रिया को न केवल तेज और आसान बनाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना को भी कम करेगा।

आधार कार्ड से लिंकिंग 

नए नियम के अनुसार, संपत्ति पंजीकरण के समय आधार कार्ड से लिंकिंग अनिवार्य कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया में:

  • संपत्ति खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को अपना आधार कार्ड लिंक करना होगा
  • बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा
  • इससे फर्जी पंजीकरण की संभावना समाप्त हो जाएगी

आधार कार्ड से लिंकिंग पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाएगी।

वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य

तीसरे बदलाव के तहत, रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके अंतर्गत:

  • रजिस्ट्री प्रक्रिया की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी
  • खरीदार और विक्रेता के बयान भी रिकॉर्ड किए जाएंगे
  • वीडियो रिकॉर्डिंग को सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रखा जाएगा
  • भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में यह एक महत्वपूर्ण साक्ष्य बनेगा

यह रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा और विवादों को कम करेगा।

ऑनलाइन शुल्क भुगतान 

अब रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप शुल्क का भुगतान पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा। इसके तहत:

  • क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और UPI के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा
  • भुगतान के तुरंत बाद पुष्टि प्राप्त होगी
  • नकद लेनदेन पूरी तरह से बंद हो जाएंगे

यह रजिस्ट्री प्रक्रिया को और भी तेज बनाएगा और काले धन के उपयोग पर नियंत्रण होगा।

जमीन रजिस्ट्री 2025: क्या बदलने वाला है? 

2025 से लागू होने वाले नए नियम संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। ये बदलाव समय बचाएंगे, रजिस्ट्री को पारदर्शी और सुरक्षित बनाएंगे, और नागरिकों के लिए प्रक्रिया को सरल करेंगे।

  • डिजिटल प्रक्रिया रजिस्ट्री समय को कुछ घंटों तक कम कर देगी
  • आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन भुगतान रजिस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ाएंगे
  • फर्जी पंजीकरण और बेनामी संपत्ति पर रोक लगेगी
  • ऑनलाइन भुगतान रिश्वतखोरी और काले धन के उपयोग को रोकने में मदद करेगा
यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर 

ULPIN या “भू-आधार” प्रत्येक भूखंड के लिए एक 14-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड प्रदान करता है, जो उसके भू-निर्देशांकों पर आधारित होता है। यह:

  • रियल एस्टेट लेनदेन को सुव्यवस्थित करने में मदद करता है
  • संपत्ति विवादों को हल करने में सहायक होता है
  • आपदा प्रबंधन प्रयासों में सुधार करता है

29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है।

नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम

NGDRS या ई-रजिस्ट्रेशन पूरे देश में विलेख/दस्तावेज पंजीकरण के लिए एक समान प्रक्रिया प्रदान करता है। यह:

  • ऑनलाइन प्रविष्टि, भुगतान, अपॉइंटमेंट और दस्तावेज खोज की अनुमति देता है
  • 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने इसे अपनाया है
  • 12 अन्य राष्ट्रीय पोर्टल के साथ डेटा साझा करते हैं
ई-कोर्ट एकीकरण 

भूमि रिकॉर्ड को ई-कोर्ट से जोड़ने का उद्देश्य न्यायपालिका को प्रामाणिक भूमि जानकारी प्रदान करना है। यह:

  • मामलों के तेजी से निपटारे में सहायक होगा
  • भूमि विवादों को कम करेगा
  • 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एकीकरण को मंजूरी दी गई है
भूमि रिकॉर्ड का लिप्यंतरण 

भूमि रिकॉर्ड तक पहुंच में भाषा बाधाओं को दूर करने के लिए, कार्यक्रम भूमि दस्तावेजों को भारतीय संविधान की अनुसूची VIII में सूचीबद्ध 22 भाषाओं में से किसी में लिप्यंतरित कर रहा है। यह:

  • 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही उपयोग में है
  • भूमि रिकॉर्ड तक पहुंच को आसान बनाएगा
  • क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी प्रदान करेगा
भूमि सम्मान 

इस पहल के तहत, 16 राज्यों के 168 जिलों ने कार्यक्रम के मुख्य घटकों को 99% से अधिक पूरा करने के लिए “प्लेटिनम ग्रेडिंग” प्राप्त की है। इसमें शामिल हैं:

  • भूमि रिकॉर्ड का कंप्यूटरीकरण
  • मानचित्र का डिजिटलीकरण
  • प्रक्रियाओं का सरलीकरण
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