PM नरेंद्र मोदी (Modi in Austria) ने ऑस्ट्रिया में कहा है कि भारत ने दुनिया को ‘युद्ध’ नहीं, बल्कि ‘बुद्ध’ दिया है. इसका अर्थ है कि भारत ने हमेशा शांति और समृद्धि दी है. और इसलिए देश 21वीं सदी में अपनी भूमिका और मजबूत करने जा रहा है. प्रधानमंत्री 10 जुलाई को वियना में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान PM ने कहा कि उनकी ये यात्रा ऐतिहासिक है. PM मोदी का ये पहला ऑस्ट्रिया दौरा था. उन्होंने इस दौरे को ‘सार्थक’ बताया. और कहा कि 41 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस देश का दौरा किया है.
Bigg Boss Ott 3 : क्या लवकेश कटारिया के उकसाने पर अरमान मलिक ने मारा था विशाल पांडे को थप्पड़…….’
PM Modi का पहला Austria Tour
उन्होंने आगे कहा,
“ये लंबा इंतजार एक ऐतिहासिक अवसर पर समाप्त हुआ है. भारत और ऑस्ट्रिया अपनी दोस्ती के 75 साल पूरे होने की खुशी मना रहे हैं. भौगोलिक रूप से दोनों देश दो अलग-अलग छोर पर हैं. लेकिन हमारे बीच कई समानताएं हैं. लोकतंत्र दोनों देशों को जोड़ता है.”
Lok Sabha Election पर क्या कहा?
PM मोदी ने अपने संबोधन के दौरान लोकसभा चुनाव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा,
“भारत में 65 करोड़ लोगों ने अपने वोट की शक्ति का प्रयोग किया है. इतने बड़े चुनाव के बावजूद, चुनाव के नतीजे कुछ ही घंटों में घोषित कर दिए गए. ये इलेक्टोरल मशीनरी और लोकतंत्र की शक्ति है. लोगों ने ऐतिहासिक रूप से तीसरे कार्यकाल के लिए जनादेश दिया.”
‘2047 तक भारत एक विकसित देश बनेगा’
प्रधानमंत्री ने देश के पिछले 10 सालों की उपलब्धियों के बारे में भी बात की. उन्होंने विश्वास जताया कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक एक ‘विकसित देश’ बनने की राह पर है. उन्होंने आगे कहा,
“आज, भारत की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. आज, हम 5वें स्थान पर हैं, और जल्द ही, हम शीर्ष 3 में होंगे. मैंने अपने देश के लोगों से वादा किया था कि मैं भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाऊंगा. हम केवल शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए काम नहीं कर रहे हैं. हमारा मिशन 2047 है. भारत 2047 में एक विकसित राष्ट्र के रूप में अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा.”
Austria के साथ India की साझेदारी
उन्होंने ऑस्ट्रिया और भारत की साझेदारी पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रिया की हरित विकास (Green Growth) में विशेषज्ञता है. जिसके साथ भारत साझेदारी कर सकता है. उन्होंने भारत के स्टार्ट-अप की भी बात की. उन्होंने आगे कहा,
“मेरा हमेशा से मानना रहा है कि दो देशों के बीच संबंध केवल सरकारों द्वारा नहीं बनाए जाते हैं. संबंधों को मजबूत करने में सार्वजनिक भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए मैं इन संबंधों के लिए आप सभी की भूमिका को महत्वपूर्ण मानता हूं. करीब 200 साल पहले वियना विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ाई जाती थी. 1880 में इंडोलॉजी के लिए एक स्वतंत्र पीठ की स्थापना के साथ इसे और बढ़ावा मिला. आज मुझे कुछ प्रख्यात इंडोलॉजिस्ट से मिलने का अवसर मिला. उनकी चर्चाओं से यह स्पष्ट था कि उनकी भारत में काफी रुचि थी.”
उन्होंने भारतीय दर्शन, भाषाओं और विचारों में गहरी बौद्धिक रुचि का भी उल्लेख किया. ऑस्ट्रिया में 31 हजार से अधिक भारतीय रहते हैं. ऑस्ट्रिया में उच्च शिक्षा के लिए लगभग 500 भारतीय छात्र हैं.