बांग्लादेश में पाकिस्तान के राजदूत के अचानक से गायब होने की खबर है. राजदूत के गायब होने की खबर आने के बाद ढाका से इस्लामाबाद तक हड़कंप की स्थिति है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ढाका छोड़ पाकिस्तान के राजदूत कहां गए? और गए भी तो राजनयिक नियमों का पालन क्यों नहीं किया?
पाकिस्तान दूतावास के मुताबिक सैयद मारूफ बांग्लादेश में उसके राजदूत हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंध सुधारने का जिम्मा भी मारूफ पर ही है. पाकिस्तान विदेश सेवा में मारूफ की गिनती तेजतर्रार अफसरों में होती है. मारूफ न्यूयॉर्क और लंदन में भी पाकिस्तान की पैरवी कर चुका है.
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मारूफ के गायब होने का पूरा मामला
प्रथम आलो की रिपोर्ट के मुताबिक 11 मई को मारूफ अचानक ढाका से निकल गए. मारूफ कहां गए? इसकी जानकारी न तो पाकिस्तान दूतावास को है और न ही बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय को.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आमतौर पर जब कोई राजदूत मुल्क छोड़ता है तो पहले विदेश मंत्रालय को खबर करता है. साथ ही यह भी बताता है कि उसकी अनुपस्थिति में काम कौन करेगा?
मारूफ ने न तो बांग्लादेश विदेश मंत्रालय को इस संबंध में कुछ बताया है और न ही सरकार को. सवाल उठ रहा है कि आखिर यह कैसे हुआ?
यूनुस सरकार में एक्टिव था मारूफ
शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मारूफ सबसे ज्यादा एक्टिव राजदूत था. मारूफ की वजह से ही बांग्लादेश की सरकार ने पाकिस्तान से पहली बार चावल खरीदने का फैसला किया था.
इतना ही नहीं, बांग्लादेश और पाकिस्तान ने व्यापारिक रिश्ते फिर से ठीक करने की बात कही थी. बता दें कि 1971 में भारत की मदद से बांग्लादेश अलग मुल्क बना था. बांग्लादेश पहले पाकिस्तान का ही हिस्सा था.
बांग्लादेश ने नहीं किया पाक का समर्थन
भारत से तनाव के दौरान पाकिस्तान की कोशिश बांग्लादेश से समर्थन पाने की थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इसके लिए 2 बार बांग्लादेश के फॉरेन एडवाइजर को फोन भी लगाया, लेकिन इस मामले में बांग्लादेश की सरकार ने चुप्पी साध ली.
बांग्लादेश ने भारत के खिलाफ न जाने का फैसला किया. बांग्लादेश की सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि हम बस तनाव को कम करना चाहते हैं.
