केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं की है. सबसे बड़ी घोषणा इनकम टैक्स को लेकर है. अगले हफ्ते संसद में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा. यह बिल पुराने इनकम टैक्स कानून, 1961 की जगह लेगा. इसका मकसद इनकम टैक्स प्रोसेस को आसान बनाना होगा.
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संसद में किया जाएगा पेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह घोषणा की कि अगले हफ्ते एक नया इनकम टैक्स बिल संसद में पेश किया जाएगा. यह कानून लगभग 60 सालों बाद बदलने जा रहा है. इसी कड़ी में जानते है कि इस नए बिल में क्या बदलाव हो सकते हैं. इसका आप पर क्या असर पड़ेगा? आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
आसान भाषा में होंगे नए कानून
नए कानून आसान भाषा में होगा. इससे टैक्सपेयर्स के लिए इसे समझना आसान होगा. डिजिटल प्रोसेस को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसके बाद टैक्स दाखिल करना पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा. इससे कानूनी विवादों में भी कमी देखने को मिल सकता है. असेसमेंट इयर और वित्तीय वर्ष को एक साथ मिलाकर एक टैक्स ईयर बनाया जा सकता है.
ये बदलाव भी शामिल
डिडक्शन्स और छूटों में कमी देखने को मिल सकता है. इससे टैक्स स्ट्रक्चर को और आसान और स्पष्ट किया जा सकता है. डिविडेंड इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगाया जा सकता है. इससे सभी इनकम क्लास में समानता आ सकती है. हाई इनकम क्लास के लिए 35 फीसदी स्टैण्डर्ड टैक्स लागू किया जा सकता है. अलग-अलग प्रॉपर्टी पर टैक्स एक समान टैक्स दर लागू की जा सकती है.
63 साल पुराने कानून में बदलाव
सरकार का कहना है कि यह नया कानून 63 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा. इसमें बदलाव टैक्सपेयर्स की प्रतिक्रिया के आधार पर किए जा सकते हैं. साल 1961 के कानून के तहत ही 2020 में नए टैक्स रिजिम का ऐलान किया गया था. मौजूदा इनकम टैक्स कानून 1 अप्रैल 1962 से लागू है.