auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify
покердом
royal reels
eecaac2018.org
fibrproject.org
gloriaperezsalmeron.org
spicybet.com.br
tigrinho.br.com

Explore

Search

September 24, 2025 3:58 pm

नड्डा बोले- नशे में चूर है AAP……….’शराब नीति से दिल्ली को हुआ 2026 करोड़ का नुकसान……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

कैग (Comptroller and Auditor General) की लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में नई शराब नीति लाने और इसे लागू करने में गड़बड़ी के चलते राज्य सरकार को 2026 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। घोटाले के आरोप लगाने के बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया था और पुरानी नीति लागू की थी।

जेपी नड्डा बोले- खुल गई AAP की पोल

कैग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया है। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा कि आम आदमी पार्टी के लोग सत्ता के नशे में चूर और कुशासन में मस्त हैं। यह सामने आ गया है कि शराब जैसी चीज पर उन्होंने कैसे लूट मचाई। बस कुछ ही हफ्तों की बात है जब उन्हें वोट देकर सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। उन्हें उनके कुकर्मों की सजा मिलेगी। ‘शराबबंदी’ पर सीएजी की रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सरकार की पोल खोल दी है। नीति लागू करने में जानबूझकर गलती की गई, जिससे खजाने को 2026 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

सूफी गायक बिस्मिल और शिफा ने जयपुर मे रचाई शादी,म्यूजिक इंडस्ट्री के कई जाने-माने चेहरे हुए शामिल

कैबिनेट या उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना लागू की थी नई शराब नीति

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने नवंबर 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। कहा गया था कि इसका लक्ष्य शराब की खुदरा बिक्री को बेहतर बनाना और राजस्व बढ़ाना है। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे तो मामले की जांच ईडी और सीबीआई ने की। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत आप के कई नेताओं को जेल जाना पड़ा।

कैग ने बताया है कि शिकायतों के बाद भी सभी कंपनियों को बोली लगाने की अनुमति दी गई। उनकी वित्तीय स्थिति की जांच नहीं की गई। घाटा बताने वाली कंपनियों को भी बोली लगाने दिया गया। उनके लाइसेंस रिन्यू कर दिए गए। नई शराब नीति से संबंधित प्रमुख फैसले कैबिनेट या उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लिए गए। नए नियमों को विधानसभा में पेश नहीं किया गया।

कैसे हुआ सरकार का राजस्य घाटा?

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खुदरा विक्रेताओं ने नीति की समाप्ति तक अपने लाइसेंस बनाए रखे। कुछ ने अवधि समाप्त होने से पहले ही उन्हें सरेंडर कर दिया। सरेंडर किए गए खुदरा लाइसेंसों के फिर से टेंडर न किए जाने के कारण सरकार को 890 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों को दी गई छूट के कारण 941 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसके अलावा कोविड प्रतिबंधों के नाम पर क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों के लिए लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ रुपए की छूट दी गई।

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login
1win
1win
1win
1win.br.com
bourlandcivilwar.com
bsl.community
demeta-solutions.com
docwilloughbys.com