जबकि खनन बिल से महत्वपूर्ण खनिजों की खोज तेज होगी. सरकार का लक्ष्य इन सुधारों से बिजनेस को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है. यह 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान सरकार आठ नए और सात पुराने बिलों को पास करने की योजना बना रही है. इसमें 8 आर्थिक मामलों से जुड़े विधेयक हैं. ये बिल टैक्स नियमों को आसान बनाने, बिजनेस को बढ़ावा देने और शिपिंग व खनन क्षेत्रों को मजबूत करने पर केंद्रित हैं. आइए, इन अहम आर्थिक बिलों के बारे में जानते है.
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पेंडिंग बिल
नए बिल जो पेश हो सकते हैं
जन विश्वास (संशोधन) बिल, 2025: यह बिल 100 से ज्यादा पुराने कानूनों को अपडेट करेगा ताकि बिजनेस करना आसान हो. इसका लक्ष्य ग्लोबल मानकों के हिसाब से नियम बनाना है.
माइन्स एंड मिनरल्स बिल, 2025: यह बिल खनन और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को तेज करेगा. निजी कंपनियों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट का दायरा बढ़ेगा.
क्या होगा असर?
ये बिल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेंगे. टैक्स नियम आसान होने से लोग और कंपनियां आसानी से टैक्स भर सकेंगे. शिपिंग और बंदरगाहों के नए नियम व्यापार को बढ़ाएंगे, जबकि खनन बिल से महत्वपूर्ण खनिजों की खोज तेज होगी. सरकार का लक्ष्य इन सुधारों से बिजनेस को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है.
