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November 14, 2025 12:51 pm

Missed Periods: डॉक्टर से जानें…..’क्या पीरियड्स मिस होना हमेशा प्रेग्नेंसी का संकेत है….

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Causes of missed periods: महिलाओं में पीरियड्स के समय कई सारे शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं. ऐसे में अगर किसी महीने पीरियड्स मिस हो जाए तो सबसे पहला ख्याल यही आता है कि कहीं प्रेग्नेंट तो नहीं. बहुत सी महिलाओं को लगता है कि पीरियड न आना मतलब प्रेग्नेंट होना, लेकिन हमेशा ऐसा हो, ये सच नहीं है. असल में पीरियड्स मिस होने के पीछे कई वजहें होती है. जिनके बारेमें पता होना जरूरी है ताकि किसी प्रकार का कोई डर न रहे पीरियड्स मिस होने के कारण का.

पीरियड्स मिस होना महिलाओं के लिए अक्सर टेंशन और कंफ्यूजन की वजह बन सकता है. सबसे पहला ख्याल यही आता है कि कहीं ये प्रेग्नेंसी का संकेत तो नहीं.असल में इसके पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं जैसे- तनाव, हार्मोनल असंतुलन, वजन का उतार-चढ़ाव, थायरॉइड या PCOS जैसी मेडिकल कंडीशंस. इसलिए जरूरी है कि इसे केवल गर्भावस्था का संकेत मानकर न छोड़ें, बल्कि बाकी कारणों पर भी ध्यान दें.

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तनाव और मानसिक स्वास्थ्य
सफदरजंग अस्पताल में महिला रोग विभाग में डॉ सलोनी चड्ढा

बताती हैं किलगातार तनाव, चिंता और नींद की कमी भी पीरियड्स की साइकिल बिगाड़ सकती है. तनाव के समय शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन ज्यादा बनने लगता है, जो ओव्यूलेशन और हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित करता है. यही कारण है कि कई बार स्ट्रेस के चलते पीरियड्स मिस हो जाते हैं.

डॉ सलोनी कहती हैं कि कुछमहिलाओं में पीरियड्स मिस होने का बड़ा कारण PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और थायरॉइड डिसऑर्डर भी हो सकते हैं. PCOS में ओवरीज़ में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है. वहीं, थायरॉइड (हाइपोथायरॉइड या हाइपरथायरॉइड) सीधे तौर पर मासिक चक्र को बिगाड़ देता है.

वजन का ज्यादा बढ़ना या घटना

शरीर का वजन भी पीरियड्स को कंट्रोल करने में अहम रोल निभाता है. बहुत ज्यादा मोटापा होने पर शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे पीरियड्स मिस हो सकते हैं. वहीं बहुत कम वजन या अचानक वजन कम करने पर शरीर ओव्यूलेशन रोक देता है ताकि ऊर्जा बचाई जा सके. इसका नतीजा भी मिस्ड पीरियड्स होता है.

दवाइयों का असर

कुछ महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स या हार्मोनल दवाइयां लेती हैं. इन दवाओं के चलते भी पीरियड्स मिस हो सकते हैं. यहां तक कि दवाइयां बंद करने के बाद भी शरीर को नॉर्मल साइकिल में आने में कई महीने लग सकते हैं.

मेनोपॉज़ और पेरिमेनोपॉज़

40 की उम्र के बाद महिलाओं में धीरे-धीरे पेरिमेनोपॉज़ शुरू हो जाता है. इस दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण पीरियड्स कभी जल्दी, कभी देर से आते हैं और कई बार मिस भी हो जाते हैं. धीरे-धीरे ये स्थिति मेनोपॉज़ में बदल जाती है.

कब लें डॉक्टर की मदद?

अगर आपका पीरियड बार-बार मिस हो रहा है, साथ ही पेट दर्द, बाल झड़ना, वजन बढ़ना, थकान या ब्लीडिंग की अनियमितता जैसी दिक्कतें भी हैं, तो गाइनोकॉलजिस्ट से सलाह लेना ज़रूरी है.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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