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January 23, 2025 7:21 am

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प्रेमानंद महाराज के सामने पहुंचा लव मैरेज करने वाला जोड़ा, क‍िया पश्‍चाताप……..’शादी से पहले हम पव‍ित्र नहीं रह पाए…….

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अंतर्राजातीय व‍िवाह यानी इंटरकास्‍ट मैरेज को लेकर समाज में कई तरह की बातें हैं. कुछ लोग इस तरह के व‍िवाह को पूरी तरह धर्म के ख‍िलाफ मानते हैं जबकि कई लोगों का मानना है कि पुराने समय में भी ऐसी ही व्‍यवस्‍थाएं थीं. लेकिन व‍िवाह से जुड़े ऐसे कई सवाल है, जो लोगों के मन में होते हैं. ऐसी ही दुव‍िधा में फंसा एक जोड़ा वृंदावन के प्रस‍िद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के पास अपने सवाल लेकर पहुंचा. शराब, मास-मद‍िरा, स‍िगरेट जैसे व्‍यसन में लगा ये शख्‍स अब न केवल राधा रानी की भक्‍ति में लग कर इस सब से दूर हो गया है, बल्‍कि भक्‍ति मार्ग पर चल पड़ा है. लेकिन उन्‍होंने अपने प्रेम व‍िवाह से जुड़ा सवाल जब प्रेमानंद महाराज के सामने रखा तो जान‍िए उन्‍होंने क्‍या कहा.

रीवा से आए इस शख्‍स ने प्रेमानंद महाराज के सामने अपना सवाल रखा, ‘राधे-राधे गुरुजी.मैं आपके सामने बैठने लायक नहीं हूं. शराब, मांस, गुटखा, अंडा, स‍िगरेट आदि कर्म करता था. पर आपसे दोस्‍ती हुई और राधा रानी का नाम म‍िला और अब ये सब जीवन से गायब हो गया. ये सुनते ही प्रेमानंद महाराज कहते हैं, ‘ये सब छोड़ द‍िया, बहुत ही बाहुदर आदमी हो.’ आगे इस व्‍यक्‍ति का सवाल पूछा जाता है, ‘इनकी और इनकी पत्‍नी ने लव मैरेज की है. 9 साल तक र‍िश्‍ते में रहे, बहुत कठ‍िनाइयां हुईं, पर शादी से पहले पव‍ित्र नहीं रह पाए. माता-प‍िता की मर्जी से शादी हो गई. पर आपका सतसंग सुनने के बाद पश्‍चाताप हो रहा है कि शादी से पहले पव‍ित्र नहीं रह पाए.’

ये सवाल सुनते ही प्रेमानंद महाराज ने पूछा,‘शादी उसी से की न ज‍िससे दोस्‍ती की थी?’ वह आगे कहते हैं, ‘देख‍िए, ज‍िससे आपने प्‍यार क‍िया उससे ही आपने शादी की, इससे हमें कोई श‍िकवा श‍िकायत नहीं है. जो प्रेम है, उसे पवित्र प्रेम में बदलते हुए दोनों भगवान की भक्‍ति में आगे बढ़ो तो तुम्‍हारा प्रेम सार्थक होगा. आजकल जो प्‍यार होता है, वो सब द‍िखावा-नौटंकी होता है. पहले वासना की पूर्ती की और फिर ब्रेकअप कर ल‍िया. शरीर को तुमने क्‍या समझ रखा है, दोना-पत्तल है क्‍या. अरे जीवन चर‍ित्र है. एक बार ज‍िससे प्‍यार क‍िया, आजीवन उसे चाहो और आगे बढ़ो, हमें और कोई पक्ष नहीं देखना है. तुम कहां से हो, तुम कहां से हो, ये नहीं देखना है. दोनों ने प्‍यार क‍िया, ठीक है. दोनों ने शरीर-भाव क‍िया, ठीक है. पर आजीवन उसका न‍िर्वाह करो. क्‍योंकि कल‍िकाल है, इसमें इतना ही न‍िर्वाह हो जाए, बहुत है.’

प्रेमानंद महाराज आज के ल‍िव-इन जैसे र‍िलेशनश‍िप ट्रेंड पर बात करते हुए कहते हैं, ‘तुमने शरीर को ख‍िलवाड़ समझ रखा है.’ वह आगे कहते हैं कि कोई आकर हमें कह रहा था कि भारत को व‍िश्‍व गुरू बनाना है. ऐसे व‍िश्‍व गुरू बनेंगे? जब हमारे घर में ही पोल है. घर के गुरू तो बन नहीं पा रहे हैं, हम व‍िश्‍व गुरू बन रहे हैं.

वह आगे कहते हैं, लोग तो लव मैर‍िज करने के बाद एक साल में तलाक ले रहे हैं. ये है तुम्‍हारी लव मैर‍िज, ये है प्‍यार. वह आगे इस जोड़े को समझाते हैं, ‘सुखी जीवन व्‍यतीत करने के लि‍ए सहशील बनो. आपकी गलती हो तो वो माफ कर दें, वो गलती करें तो आप नजरअंदाज कर दो. ऐसे जीवन चलेगा.

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