लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनका इस्तीफा स्वाकीर कर लिया है। गोयल के इस्तीफे के पीछे क्या वजह है, इसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। भारतीय निर्वाचन आयोग में पहले से ही एक पद खाली था और अब गोयल के इस्तीफे के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का पद ही बचा है। गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनने की कतार में थे, क्योंकि मौजूदा राजीव कुमार फरवरी, 2025 में रिटायर होने वाले हैं।
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अगले सप्ताह हो सकती है घोषणा
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अगले सप्ताह हो सकती हैं। ऐसे में अब यह देखना होगा कि क्या गोयल के इस्तीफे से क्या समय सीमा प्रभावित होगी। गोयल का 2027 तक का कार्यकाल बचा हुआ था। उन्होंने करीब तीन साल पहले ही इस्तीफा दे दिया। कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया जो आज से ही प्रभावित हो गया।
नियुक्ति को दी गई थी चुनौती
गोयल 1985 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 18 नवंबर, 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और उसके एक दिन बाद उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स यानी एडीआर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसने सरकार से पूछा था कि आखिरकार जल्दबाजी क्या थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था।
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गोयल की नियुक्ति को एडीआर ने दी थी चुनौती
निर्वाचन आयोग में गोयल की नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस नियुक्ति को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने एक जनहित याचिका में कहा कि अरुण गोयल की नियुक्ति कानून के मुताबिक सही नहीं है। आयोग की सांस्थानिक स्वायत्तता का भी उल्लंघन है। एडीआर ने नियुक्ति को संविधान के अनुच्छेद 14 और 324(2) के साथ साथ निर्वाचन आयोग (आयुक्तों की कार्यप्रणाली और कार्यकारी शक्तियां) एक्ट 1991 का भी उल्लंघन बताया था। हालांकि याचिका बाद में खारिज हो गई थी।