लेंसकार्ट का आईपीओ पिछले कुछ दिनों से अपनी ऊंची वैल्यूएशन की वजह से निवेशकों के बीच चर्चा का विषय है. इसके फाउंडर पीयूष बंसल पर वैल्यूएशन में हेरफेर करने का आरोप भी लगाया गया. कई फिनफ्लूएंसर्स ने निवेशकों को इस आईपीओ से दूर करने की सलाह भी दी. लेकिन निवेशकों की तरफ से इस आईपीओ को जो रिस्पांस मिला है, उसने सभी तरह के आरोपों को खारिज कर दिया है. दरअसल 7,278 करोड़ रुपये के इस इश्यू को निवेशकों ने 28 गुना ज्यादा सब्सक्राइब किया है. कंपनी को केवल 9.97 करोड़ शेयर जारी करने थे, मगर बोलियां 281 करोड़ शेयरों के लिए आई हैं. कुल बोली की रकम 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा पहुंच गई है.
इन आंकड़ों का मतलब ये है कि कंपनी को जितनी उम्मीद थी, उससे कई गुना ज्यादा डिमांड देखने को मिली. शेयर की कीमत 382 से 402 रुपये प्रति शेयर तय की गई थी, और ऊपरी प्राइस बैंड पर निवेशकों ने लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपये की बोलियां लगाईं. उम्मीद है कि 6 नवंबर को लेंसकार्ट के शेयरों की अलॉटमेंट होगी. लिस्टिंग की संभावित तारीख 10 नवंबर है.
इस जबरदस्त सफलता के पीछे सबसे बड़ी ताकत रही संस्थागत निवेशकों की. विदेशी और घरेलू बड़े फंडों ने इस IPO में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और उनका हिस्सा करीब 40 गुना सब्सक्राइब हुआ. हालांकि कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी थी कि कंपनी का मूल्यांकन बहुत ऊंचा है और लिस्टिंग के बाद ज्यादा मुनाफे की संभावना नहीं दिखती, लेकिन निवेशकों का भरोसा लेंसकार्ट की लंबे समय की ग्रोथ स्टोरी पर टिका रहा.
एंकर निवेशकों ने इस वजह से डाला पैसा
कंपनी के एंकर निवेशक पहले ही कई बड़े म्यूचुअल फंड्स और ग्लोबल इन्वेस्टर्स को आकर्षित कर चुके थे. इससे पहले ही बाजार में यह संकेत मिल चुका था कि IPO के प्रति रुझान काफी मजबूत रहेगा. लेंसकार्ट भारत के संगठित चश्मा बाजार का अगुवा बन चुका है, और अभी भी इस क्षेत्र में विकास की बड़ी संभावना है. इसके अलावा, कंपनी विदेशों (खासकर मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया) में भी अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है.
श्रेणी में करीब 18 गुना सब्सक्रिप्शन किया, जबकि खुदरा निवेशकों (Retail Investors) ने भी लगभग 7 गुना तक बोली लगाई. इसका मतलब है कि छोटे निवेशक भी इस ब्रांड पर भरोसा दिखा रहे हैं, भले ही शेयर की कीमत ऊंची नजर आ रही हो.
ऊंची वैल्यूएशन को लेकर चर्चाएं अब भी गर्म
दूसरी तरफ, ऊपरी प्राइस बैंड पर कंपनी का मूल्य करीब 70,000 करोड़ रुपये आंका गया है, जो कि उसके FY25 के मुनाफे के हिसाब से 230 गुना P/E रेश्यो दर्शाता है. इसका अभिप्राय यह है कि निवेशकों को 1 रुपया कमाने के लिए 230 रुपये का निवेश करना होगा. इतना ऊंचा पीई रेश्यो आमतौर बहुत महंगा समझा जाता है.
FY25 में कंपनी ने करीब 6,652 करोड़ रुपये की आमदनी पर 297 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया था, लेकिन इसमें से एक बड़ा हिस्सा जापानी ब्रांड Owndays की खरीद से हुए एकमुश्त लाभ का नतीजा था. इस लाभ को हटाकर देखा जाए तो कंपनी का असली मुनाफा करीब 130 करोड़ रुपये के आसपास है, जिससे इसके मुनाफे का मार्जिन काफी कम हो जाता है.
क्या है लेंसकार्ट का ताजा GMP
ग्रे मार्केट प्रीमियम की बात करें तो 5 नवंबर को ₹39 है. यदि इसी हिसाब से इसकी लिस्टिंग होती है तो पहले ही दिन निवेशकों को 9.70 प्रतिशत का फायदा मिल सकता है. 4 नवंबर को GMP 58 रुपये था. 3 नवंबर को 70 रुपये, जबकि 1 नवंबर को 94 रुपये तक था. साफ है कि लिस्टिंग की तारीख करीब आने पर इसका जीएमपी कम होता जा रहा है. 28 अक्टूबर को लेंसकार्ट का जीएमपी 109 रुपये था, जोकि पिछले दिनों में सबसे अधिक था.
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