आईटीआर फॉर्म-2 जारी हो चुका है। आयकर विभाग ने इसे 5 मई 2025 (ITR Form 2) अधिसूचित कर दिया है। यह वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसमें कई बदलाव किए गए हैं। इन नए नियमों की जानकारी करदाताओं को होनी चाहिए। 50 लाख से 1 करोड़ के बीच सालाना इनकम कमाने वालों को राहत मिली है। उन्हें संपत्ति और देनदारियों की अनुसूचि तैयार नहीं पड़ेगी।
दरअसल, नए नियमों के तहत अब आईटीआर फॉर्म-2 कुल 1 करोड़ रुपये या इससे अधिक आय होने पर संपत्ति और देनदारियों के बारे में अनुसूची एएल देना पड़ेगा। इससे पहले यह नियम कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक होने पर लागू होता था।
कैसे करें इसकी पहचान…….’हड्डियों में कैंसर के सबसे बड़े लक्षण क्या हैं……
इन बदलावों को भी जान लें
- नए आईटीआर फॉर्म 2 में उन सेक्शन का जिक्र अनिवार्य कर दिया गया है, जिसके तहत किसी विशेष लेनदेन के लिए टीडीएस काटा गया है। पहले टीडीएस काटने वाली इकाई और परिणामी राशि का विवरण करने की जरूरत पड़ती थी। अब धारा 194सी, 194जे के तहत काटे गए टीडीएस की रिपोर्टिंग करनी होगी।
- अब अनुसूची-पूंजीगत लाभ में विस्तृत रिपोर्टिंग जरूरी होगी। 23 जुलाई 2024 से पहले और उसके बाद किए गए लेनदेन के लिए कैपिटल गेन का अलग-अलग खुलासा करना होगा।
- यदि लाभांश आय को “अन्य स्त्रोतों से आय” टाइटल के तहत पेश किया गया है तो 1 अक्टूबर 2034 को या उसके बाद शेयरों की खरीद पर पूंजीगत नुकसान का दावा करदाता कर सकते हैं।
- सेक्शन 80सी, 10(13ए) इत्यादि के तहत डिडक्शन रिपोर्टिंग का विस्तार किया गया है। अब करदाताओं को कटौतियों से संबंधित अतिरिक्त जानकारी प्रदान करनी होगी।
इन करदाताओं के लिए जरूरी है आईटीआर-2
जिन व्यक्तियों की आय वेतन या पेंशन या एक से अधिक घर की संपत्ति पर निर्भर करती है, उनके लिए आईटीआर-2 फॉर्म जरूरी होता है। वे इसका इस्तेमाल करके इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल कर सकते हैं। संपत्ति या अन्य निवेशों की बिक्री पर पूंजीगत लाभ या हानि से होने वाली इनकम पर भी यह लागू होता है। इक्विटी शेयरों और म्यूचुअल फंड निवेशक भी इसका उपयोग कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक घर की संपत्ति है या संपत्ति देश के बाहर और कुल आय 50 लाख रुपये है, वे भी आईटीआर 1 के स्थान पर आईटीआर-2 का इस्तेमाल कर सकते हैं।
