बिगड़ती जीवनशैली और खानपान के चलते अब छोटी उम्र में भी डायबिटीज हो रही है. हम बात कर रहे हैं 10 साल से 14 साल तक के बच्चों की. इस उम्र के बच्चों को भी डायबिटीज घेर रही है. कई मामलों में तो 10 साल के कम आयु वाले बच्चों भी डायबिटीज से पीड़ित मिले हैं. बड़ों को होने वाली यहहंभीर बीमारी अब बच्चों को भी घेर रही है. बच्चों में डायबिटीज के कुछ लक्षण नजर आते हैं. उन लक्षणों को नजरअंदाज करने से बच्चे पूरी उम्र डायबिटीज से पीड़ित रह सकते हैं. इसके अलावा उन्हें कई और गंभीर बीमारियां भी घेर सकती हैं. एक्सपर्ट बता रहे हैं, बच्चों में डायबिटीज के क्या लक्षण होते हैं और इस पर कैसे काबू पाया जा सकता है.
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आरएमएल अस्पताल में मेडिसिन विभाग में डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं किबच्चों में डायबिटीज होने के लक्षण भी बड़ों के जैसे ही होते हैं. हालांकि समय रहते उन लक्षणों की पहचान नहीं हो पाती है. परिवार के लोग इन लक्षणों को सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. जिससे यह बीमारी बच्चे के शरीर में अपनी जड़े जमा लेती है. यदि समय रहते उपचार शुरु कर दिया जाए तो बच्चों को इस बीमारी से छुटकारा भी दिलवाया जा सकता है. बच्चों में डायबिटीज के लक्षणों में ज्यादा प्यास लगना, दिन भर में सामान्य से ज्यादा पानी पीना, बार-बार यूरिन आना, शरीर पर कहीं रैशेज होना. अचानक से बच्चों का वजन कम हो जाना. देखने में परेशानी होना. पेट में दर्द और उल्टी की भी बच्चों को समस्या हो सकती है. इन लक्षणों के होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
डायबिटीज का क्या हैं कारण
बच्चों में डायबिटीज का प्रमुख कारण वंशानुगत होता है. यदि माता-पिता या दादा-दादी, चाचा, बुआ, मौसी को डायबिटीज रही है तो बच्चों में डायबिटीज होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. इसके अलावा ऑटोइम्यून विकार के कारण भी यह हो सकता है. कई बार शरीर की अपनी ही रोग प्रतिरोधक क्षमता पेनक्रियाज पर हमला बोल देती है. जिससे पेनक्रियाज को नुकसान होता है और वह इंसुलिन बनाना बंद कर देती हैं. इसके अलावा खराब जीवनशैली और खानपान भी बच्चों में डायबिटीज का कारण बनती है. डायबिटीज से बच्चों को भविष्य में दिल औरकिडनी की गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है.
डायबिटीज से ऐसे करें बचाव
यदि बच्चों में डायबिटीज के लक्षण उभरते हैं तो तुरंत जांच करवाएं. यदि जांच में डायबिटीज की पुष्टि होती है तो इन बातों का ध्यान रखें. बच्चों के सुबह जल्दी जागने और रात जल्दी सोने की आदत डालें. उनके आहार को संतुलित करें और पौष्टिक खाद्य पदार्थ ही दें. बाहर का खाना और जंक फूड से पूरी तरह से परहेज करें. बच्चों को व्यायाम की आदत डालें. डॉक्टर के बताई बातों का पालन करें और समय से दवाएं देते रहें. बच्चों में डायबिटीज से मुक्त होने की संभावना रहती है. यदिउपचार के साथ दिनचर्याऔर खानपान में बदलाव कर लिया जाए.
