लॉर्ड्स टेस्ट का नतीजा भले ही भारत के फेवर में नहीं रहा. मगर उसकी हार के बाद भी रवींद्र जडेजा के चर्चे हीरो की तरह हो रहे हैं. लॉर्ड्स पर जिस तरह से वो भारत की जीत की खातिर लड़ते दिखे, उसके लिए उनकी वाहवाही होना स्वभाविक भी है. इंग्लैंड के खिलाफ खेले सीरीज के तीसरे टेस्ट में रवींद्र जडेजा ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की तुलना में सबसे ज्यादा समय लॉर्ड्स की क्रीज पर बिताए. लॉर्ड्स टेस्ट में वो कुल 473 मिनट तक क्रीज पर डटे रहे. इस उम्मीद के साथ की जीत भारत की होगी. ऐसा तो नहीं हुआ मगर उनके नाम एक बेमिसाल रिकॉर्ड जरूर दर्ज हो गया.
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473 मिनट… रवींद्र जडेजा ने बना डाला रिकॉर्ड
रवींद्र जडेजा ने लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में 207 मिनट तक बल्लेबाजी करते हुए 82 रन बनाए थे. जबकि दूसरी पारी में बारी जब 193 रन के लक्ष्य को पीछा करने की आई तो उनका संघर्ष जरा और देर तक चला, जडेजा ने दूसरी पारी में 266 मिनट तक मैराथन बैटिंग की और 61 रन बनाकर नाबाद रहे. इस तरह उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट में कुल 473 मिनट यानी 7 घंटे और 53 मिनट बैटिंग कर 133 रन बनाए.
72 सालों में अकेले भारतीय जडेजा, ओवरऑल दूसरे
लॉर्ड्स के मैदान पर खेले टेस्ट में दोनों पारियों में फिफ्टी प्लस स्कोर बनाने वाले रवींद्र जडेजा पिछले 72 सालों में पहले और ओवरऑल वीनू मांकड़ के बाद दूसरे भारतीय हैं. वीनू मांकड़ ने 1952 में खेले भारत-इंग्लैंड लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में बतौर ओपनर 72 रन बनाए थे. जबकि दूसरी इनिंग में उन्होंने 183 रन की दमदार पारी खेली थी.
इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा करने वाले चौथे खिलाड़ी
रवींद्र जडेजा ने लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान ही इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने 7000 रन भी पूरे कर लिए. इस तरह इंटरनेशनल क्रिकेट में 7000 प्लस रन बनाने और 600 प्लस विकेट चटकाने वाले वो दुनिया के चौथे क्रिकेटर बन गए हैं. जडेजा से पहले भारत के ही कपिल देव, साउथ अफ्रीका के शॉन पोलाक और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन भी ये कामयाबी हासिल कर चुके हैं.
