पटना. नरेंद्र मोदी तीसरी बार एनडीए के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले रहे हैं. सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई थीं कि मोदी मंत्रिमंडल बिहार से किन-किन चेहरों को मौका मिलेगा. आखिरकार पीएम मोदी की चाय पार्टी के साथ ही इस पर पर्दा उठ गया है और बिहार से किन आठ लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद में जगह देने जा रहे हैं. इन आठ में दो ऐसे नाम हैं जो थोड़ा चौंकाते हैं क्योंकि इनके बारे में किसी भी तरह के कोई कयासबाजी भी नहीं थी. अब जब नाम सामने आ गए हैं तो कहा जा रहा है कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए जातीय समीकरण के लिहाज से ये दो चेहरे बेहद महत्वपूर्ण हैं.
दरअसल, मोदी मंत्रिपरिषद में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सतीशचन्द्र दुबे को मौका मिला है जो उत्तर बिहार के मजबूत ब्राह्मण नेता मानें जाते हैं. सतीश चंद दुबे वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं. वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से सतीश चंद्र दुबे 2014 से लेकर 2019 तक लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. 2019 में टिकट कटने के बाद बीजेपी आलाकमान ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था. सांसद बनने से पहले सतीश चंद दुबे चनपटिया और नरकटियागंज से विधायक भी रह चुके हैं.
मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल ने जा रहे एक और नाम जिसने सबसे ज्यादा चौंकाया है वह है अति पिछड़ा समाज के निषाद जाति से मुजफ्फरपुर से पहली बार सांसद बने डॉ राजभूषण चौधरी निषाद. राज भूषण चौधरी कुछ महीने पहले ही VIP पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया. लोकसभा चुनाव में उन्होंने शानदार जीत प्राप्त की जिसका इनाम उन्हें मिला है. इनका मंत्रिपरिषद में शामिल होना मुकेश सहनी के लिए झटका माना जा रहा है जो निषादों की राजनीति करते हैं.
राजभूषण चौधरी निषाद मूल रूप में पेशे से चिकित्सक हैं. साथ ही राजभूषण निषाद मुजफ्फरपुर के सकरा के पिलखी से ताल्लुक रखते हैं. डॉक्टरी पेशे के अतिरिक्त निषाद विकास संघ से भी लंबे समय से जुड़े हुए हैं. इनके राजनीतिक करियर की बात करें तो 2017 में यह मुकेश सहनी के संपर्क में आए और राजनीति में आगे बढ़े. 2019 में मुजफ्फरपुर से VIP के टिकट पर अजय निषाद के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन 4 लाख से अधिक वोटों से हार गए.
राजभूषण चौधरी निषाद के बारे में दिलचस्प बात ये है कि 2022 के बोचहां उपचुनाव के दौरान ही अजय निषाद ने ही राजभूषण निषाद को बीजेपी में शामिल कराया था. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में अजय निषाद को ही शिकस्त दे राजनीति में आगे बढ़ गए और आज मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिलते ही वह एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं.