मशहूर सिंगर दिलजीत दोसांझ ने अपने दिल-लुमिनाटी टूर का शेड्यूल घोषित कर दिया है. 10 शहरों में होने वाले इन कॉन्सर्ट्स को लेकर उनके फैंस में क्रेज है. हालांकि उत्सुकता इस कॉन्सर्ट के नाम ‘Dil-lluminati’ को लेकर भी है. लोग इसे ‘ illuminati ‘ से जोड़ते हैं. दिलजीत के बारे में अक्सर illuminati कम्युनिटी का सदस्य होने की बात कही जाती है. आइये समझते हैं कि क्या है ये कम्युनिटी.
कई लोगों का मानना है कि illuminati एक सीक्रेट सोसाइटी है जिसके सदस्य अपनी हर ख्वाहिश पूरी कर सकते हैं. अक्सर बड़े सेलिब्रिटीज के बारे में यह गॉसिप चलती है कि वे illuminati के सदस्य हैं, इसलिए इतने फेमस हैं. कई सेलिब्रिटीज के वीडियोज को लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया जाता है कि वे illuminati का खास साइन बना रहे हैं और उससे जुड़े हुए हैं.
इल्युमिनाटी को आज भी एक रहस्य माना जाता है. बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स हॉलीवुड पॉप स्टार्स से लेकर भारतीय पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ तक को इल्युमिनाटी का सदस्य मानने की बात करते हैं. कई यूजर्स का कहना है कि रियलिटी शो ‘बिग बॉस का लोगो’, जो त्रिकोण में एक आंख है, illuminati का ही प्रतीक है.
इल्युमिनाटी का हिस्सा हैं दिलजीत दोसांझ?
दिलजीत की इंटरनेट पर कई वीडियोज वायरल हैं जिनमें वह अपने हाथों से त्रिकोण का साइन बनाते नजर आ रहे हैं. हालांकि, सिडनी में एक कॉन्सर्ट के दौरान दिलजीत ने कहा था कि उन्होंने अपने हाथों से जो साइन किया था वो क्राउन चक्र का निशान था, illuminati नहीं. इस बार दिलजीत ने अपने कॉन्सर्ट का नाम ही illuminati से जोड़कर लिखा है. अब ये पब्लिसिटी स्टंट भी हो सकता है और दिलजीत का इशारा भी.
कई लोगों का मानना है कि अमेरिकी एक्टर्स एंजेलिना जोली भी illuminati की मेंबर हैं. उनकी फिल्म “टॉम्ब रेडर” की कहानी illuminati पर आधारित थी. हॉलीवुड पॉपस्टार बेयोंसे को भी इसका मेंबर माना जाता है, क्योंकि कॉन्सर्ट के दौरान वह और उनके पति जेजी कई बार खास निशान बनाते हैं जिसे illuminati से जोड़ा जाता है. ऐसा ही कुछ साइन बनाते हुए सिंगर रिहाना के वीडियोज भी काफी वायरल होते हैं.
क्या है illuminati?
आपने कभी ना कभी illuminati का नाम फ़िल्मों, किताबों और ख़ुफ़िया कहानियों में सुना होगा. illuminati का नाम सिर्फ सेलेब्स से ही नहीं जोड़ा जाता. माना जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति JF केनेडी की हत्या से लेकर देशों के बीच युद्ध करवाने, और सरकारें गिराने में इस कम्युनिटी का हाथ रहा है.
इस कहानी की शुरुआत साल 1748 मध्य यूरोप के राज्य बवेरिया से शुरू होती है. एक दिन एडम वाइसहाप्ट का इस गांव में जन्म हुआ. कहा जाता है कि उनके पूर्वज यहूदी थे. बड़े होकर वह इंग्लोस्टाड की यूनिवर्सिटी में धार्मिक क़ानूनों के प्रोफ़ेसर बन गए. अब बात यह थी कि वह जिस यूनिवर्सिटी में काम करते थे वहां का प्रशासन पादरियों से चलता थे लेकिन वाइसहाप्ट खुद एक पादरी नहीं थे.
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने की थी illuminati की शुरुआत
1 मई 1776 को वाइसहाप्ट और उनके चार छात्रों ने प्रतिज्ञा ली कि वे एक ख़ुफ़िया संगठन की शुरुआत करेंगे, वे अपनी पहचान कभी भी जाहिर नहीं करना चाहते थे. उन्होंने अपने इस ख़ुफ़िया संगठन को नाम दिया illuminati. इसमें नियम था कि 30 साल से ज्यादा उम्र का कोई व्यक्ति इसका मेंबर नहीं हो सकता है. उल्लू को illuminati का प्रतीक बनाया गया. संगठन बनते ही लोग इससे जुड़ते गए. इसके सदस्य जासूसों की तरह काम करते थे और अन्य संगठनों के सदस्यों का पता लगाकर उन्हें illuminati के मेंबर्स बनाते थे. illuminati का नाम जब भी आपने सुना होगा. उसके साथ एक तस्वीर देखी होगी. एक पिरामिड जिसके ऊपर एक आंख बनी होती है. ये पिरामिड illuminati के स्ट्रक्चर को दर्शाता है. illuminati में सदस्यता के 13 लेवल थे जो तीन भागों में बंटे थे.
खत्म कर दिया गया था illuminati?
illuminati समाज में बड़ा परिवर्तन लाना चाहता था, लेकिन कुछ समय बाद इसके ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गई. सरकार को कई गुप्त दस्तावेज मिले, जो दिखाते थे कि illuminati वास्तव में विश्व पर नियंत्रण प्राप्त करना चाहता था. संगठन के प्रमुख, एडम वाइसहाप्ट, खुद को राजा मानते थे और ‘स्पार्टकस’ के नाम से पहचान रखते थे. इन खुलासों के बाद, इंग्लोस्टाड के ड्यूक ने illuminati पर प्रतिबंध लगा दिया और वाइसहाप्ट को देश निकाला दे दिया. इसके बाद इसे समाप्त मान लिया गया, हालांकि सभी ऐसा नहीं मानते.
21वीं सदी में भी illuminati की चर्चा
1798 में illuminati का भूत अमेरिका भी पहुंचा, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने एक चिट्टी में illuminati के ख़तरे का ज़िक्र किया, यहां तक कि अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन पर illuminati का सदस्य होने का आरोप भी लगा. 21वीं सदी में आज भी लोग मानते हैं कि illuminati जिंदा है और लोग सीक्रेट रहकर इसमें काम करते हैं, जो भी इसका सदस्य बनता है यह लोग उसे हर तरह से जिताने की कोशिश करते हैं.