अपने जनाधार की वजह कर वह सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीब पहुंचा। अपने जनाधार की बदौलत ही वह यहां सपा का खास चेहरा बना। फिर जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो उसे यहां का मिनी मुख्यमंत्री कहा जाने लगा। उस दौरान उसका रसूख देखते ही बनता था।
अब एक किशोरी संग हुई दरिंदगी की शिकायत ने उसकी पूरी प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला दिया है। नवाब सिंह यादव को सियासत शुरू से ही भाई। पहलवानी का शौक रखने वाला यह चेहरा कब सियासत के दंगल में उतर गया, किसी को पता ही नहीं चला।
फिर जब उसका सियासी रसूख और कद बढ़ा तो उसकी शोहरत कन्नौज जिले की सीमा को लांघ चुकी थी। अपने नाम से वह प्रदेश के कमोबेश सभी इलाकों में पहचाना जाने लगा। 1996 में शहर के प्रतिष्ठित पीएसएम पीजी कॉलेज से छात्र संघ का अध्यक्ष बनने के बाद उसने सियासत की राहों पर कदम बढ़ाने शुरू कर दिए।
वर्ष 1999 में जब यहां से पहली बार मुलायम सिंह यादव लोकसभा का चुनाव लड़े तो वह युवा कार्यकर्ता की हैसियत से साथ रहा। ठीक एक साल बाद यहां हुए उपचुनाव में जब अखिलेश यादव पहली बार यहां से मैदान में उतरे तो वह साइकिल पर सवार होकर समर्थन जुटाता रहा।