Donald Trump News: डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से भारत पाकिस्तान के बीच जंग रुकवाने वाला विवादित बयान दिया है. उन्होंने DOGE से एलन मस्क की विदाई के दौरान उन्होंने कहा कि हमने दोनों देशों के बीच जंग को रुकवाया वरना यह परमाणु वार में बदल सकता था. मगर, ट्रंप की प्रशासन की पोल उस समय खुल गई, जब वह उनके वैश्विक टैरिफ को लेकर कोर्ट में इस जंग को लेकर बयान दिया है. उनकी प्रशासन ने अदालत से कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने में उनकी टैरिफ नीति ने अहम भूमिका निभाई. हालांकि, यह दलील ट्रंप की टैरिफ नीति को सही ठहराने के लिए दी गई. ट्रंप ने टैरिफ यानी आयात शुल्क (Import Tax) को हथियार की तरह इस्तेमाल किया. इससे भारत और पाकिस्तान को युद्ध रोकने के लिए मजबूर किया गया.
ट्रंप प्रशासन ने बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ा था. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इसके जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले किए. जवाब में पाकिस्तान ने भी हमले किए. दोनों देशों के बीच चार दिन तक तनाव रहा. ट्रंप प्रशासन ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हमने दोनों देशों को व्यापार का दबाव दिया, साथ ही चेतावनी दी कि अगर जंग नहीं रुकी तो अमेरिका उनके साथ व्यापार बंद कर देगा.
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अमेरिका की कूटनीति की जीत
भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की गई थी. ट्रंप एक्स पर अपने पोस्ट सीजफायर की जानकारी दी. ट्रंप प्रशासन ने इसे अपनी कूटनीति की जीत बताया. अमेरिकी कॉमर्स मंत्री हावर्ड लुटनिक ने अदालत में कहा कि यह युद्धविराम ट्रंप की टैरिफ शक्ति का नतीजा था.
अदालत टैरिफ शक्ति कम करे
लुटनिक ने कहा कि अगर अदालत ने ट्रंप की टैरिफ शक्ति को सीमित किया, तो भारत और पाकिस्तान फिर से जंग शुरू कर सकते हैं. इससे दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ेगी. साथ ही अमेरिका की चीन के साथ चल रही व्यापार वार्ता भी प्रभावित होगी.
ट्रंप प्रशासन ने यह भी कहा कि टैरिफ नीति ने चीन को बातचीत की मेज पर लाने में मदद की. लुटनिक ने बताया कि टैरिफ की वजह से अमेरिका को फायदा हुआ. हालांकि, भारत ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है.
भारत ने किया इंकार
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि युद्धविराम में व्यापार की कोई बात नहीं हुई. विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने साफ किया कि दोनों देशों की सेनाओं ने आपस में बात कर युद्धविराम किया. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी दोनों देशों के नेताओं से बात की थी. लेकिन भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया.
दोनों देशों के नेताओं को थैंक्यू
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह ‘भारत के नेताओं, पाकिस्तान के नेताओं और अपने लोगों को भी धन्यवाद देना चाहते हैं.’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे दावा किया, ‘हम दूसरों को भी लड़ने से रोक रहे हैं, क्योंकि आखिरकार, हम किसी से भी बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं. हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है. हमारे पास दुनिया के सबसे महान नेता हैं.’
