जयपुर की एक सास-बहू की जोड़ी ने गुजरात और महाराष्ट्र के फूड स्टाइल को यहां के आम जीवन से जोड़ा। घर पर 8 डिशेज के साथ शुरू हुआ इनका स्टार्टअप, पहले एक स्ट्रीट कैफे के रूप में आया और अब यह नए अंदाज में तीन मंजिला रेस्तरां ल फरसाना के रूप में सामने आया है
जयपुर की सुधा माहेश्वरी और उनकी बहू नेहा माहेश्वरी ने इसे डिजाइन किया है। नेहा माहेश्वरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य जयपुरवासियों को ऐसा डेस्टिनेशन देना है, जहां आपको इनोवेटिव फूड के साथ स्ट्रीट फूड का एक बेहतरीन अंदाज मिले। मेरी सास सुधा माहेश्वरी के फूड रेसिपी से हमने इसे शुरू किया और आज हमारे जयपुर में दो आउटलेट हो चुके हैं।
जयपुर में गुजराती फूड की खास डिमांड
नेहा माहेश्वरी ने बताया कि मेरा बेस गुजरात से है, लेकिन मदर इन लॉ का बेस यहीं से है। उन्हें कई साल से देख रही हूं कि खांडवी जैसी डिश वे अपनी दोस्तों को बना-बना कर खिलाती और बेचती थी। इसी को देखते हुए मैंने इनसे बात की और कहा कि इन फूड प्रोडक्ट्स को हम प्रोफेशनली बेचते हैं। जब शादी होकर जयपुर आई तो यहां देखा कि गुजराती फूड की यहां काफी डिमांड है और अवेयरनेस भी है।
कोविड के दौर में सभी को अच्छा खाना चाहिए था, तो हमने इसका इंट्रोडेक्ट्री तैयार किया। हमने 8 चीजों से द फरजान कॉर्नर के नाम से काम शुरू किया। हमने उन 8 चीजों से 2 साल में एक अच्छा नेटवर्क बनाया। इसकी प्राइज थोड़ी ज्यादा रखी, देखा कि लोग क्वालिटी के लिए थोड़े ज्यादा पैसे खर्च कर सकते हैं क्या? तो इसके जवाब में हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
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हम सास-बहू की जोड़ी ने अच्छा खासा मार्केट बनाया और उसे हमने घर के लेवल पर सेल किया। फिर हमने कैफे क्रिएट करने का प्लान किया। छोटा सा आउटलेट बनाया सी-स्कीम में। लोगों के रिस्पॉन्स को देखा और प्योर वेज व ब्रेकफास्ट की चीजों को लेकर आए, उसको लेकर काफी अच्छा रिस्पॉन्स हमें मिला।
गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली का फूड
नेहा ने बताया कि हमारे पास गुजराती स्ट्रीट फूड से फाफड़ा, जलेबी, खांडवी, लोचो, महाराष्ट्र की स्ट्रीट से बिसलपाव, वड़ापाव, पूरण पोली, दिल्ली की स्ट्रीट से अमृतसरी छोले कुल्चे शामिल है। श्रीखंड हमारी स्पेशलिटी है, यह हम खुद बनाते हैं। राजस्थान में दही खाना पसंद करते हैं और हमारे यहां श्रीखंड की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। इतना अच्छा डेटा बेस है, जिनसे हमें किलो के हिसाब से ऑर्डर आते रहते हैं। हमने स्पेशली गुजरात और महाराष्ट्र के फूड एक्सपर्ट को अपनी शेफ टीम में जगह दी है और उन्हें यहां हमारे फूड स्टाइल की ट्रेनिंग दी है। यहां लोगों को स्ट्रीट फूड का लुत्फ एक लग्जरी और हाईजीन के साथ मिलेगा।
फरसान का अर्थ गुजराती स्नैक्स
नेहा ने बताया कि फरसान का मीनिंग गुजराजी स्नैक्स है। ऐसे में मैंने इसका नाम ल फरसान नाम दिया है। एक फ्रैंच टच दिया है, यह मॉर्डन नाम भी हो गया और बेस भी अपना दे दिया। हमने थाली का कॉन्सेप्ट भी बनाया है। हमारे यहां जयपुर से बाहर के कोई गेस्ट आते हैं, हर ऐज ग्रुप का इसमें शामिल हो। लोग हर चीज चाहेंगे। हैवी खाना खाकर थक गए है, ऐसे में लोगों को एक थाली में वन स्टॉप डेस्टिनेशन दे सकें, एक थाली में हर चीज खिला सकें। एक मिनीमम प्राइज में। गुजरात में इस तरह की थाली का काफी कॉन्सेप्ट है, इसी को मैंने यहां प्लान किया है।
जयपुर में इसी की कमी थी, इस तरह की थाली के लिए चौखी ढाणी जैसी प्रॉपर्टी पर जाना पड़ता था। जयपुर के सेंटर में हम इस तरह का एक्सपीरियंस देना चाहेंगे। हमने थाली में दाल-बाटी चूरमे का भी अलग से ऑप्शन दिया है। अब हमने सी-स्कीम में अपना नया स्टोर बनाया है, जहां हर फ्लोर को अलग तरह से डिजाइन किया। सबसे नीचे थाली कॉन्सेप्ट है, इसके बाद बैंक्वेट बनाया है, जहां कोई भी 250 से 300 लोगों की पार्टी कर सकेगा। सेकेंड फ्लोर पर हमने द फरसान नाम से कैफे बनाया है, जहां स्ट्रीट फूड और मल्टीकुजीन यहां मिल सकेगा। सबसे ऊपर हमने रूफटॉप बनाया है। नेहा ने कहा कि हमने हमारी शुरुआत घर से की थी, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर ग्रुप बनाए। कुछ लोगों को लिस्ट बनाकर उन्हें कुछ फ्री पीस भी भेजे। हमने ऐसे क्लाइंटल क्रिएट किया।