जयपुर. राजधानी जयपुर में आखिरकार सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर आफत आ पड़ी है. अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स ने शनिवार रात आठ बजे से पूर्ण कार्य बहिष्कार कर अस्पतालों में आना बंद कर दिया है. इससे अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सांसें फूलने लग गई है. इमरजेंसी सेवाएं भी गड़बड़ा गई और अस्पतालों के हालात बिगड़ने लग गए हैं. हड़ताल को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स और सरकार के बीच ठन गई है. इससे अब इस हड़ताल के लंबी चलने की आशंका बढ़ गई है.
बीते करीब दो सप्ताह से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं. उनका आरोप है कि सरकार की ओर से उचित रेस्पोंस नहीं मिलने के कारण ये हालात पैदा हुए हैं. आंदोलनकारी रेजिडेंट डॉक्टर्स और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर तथा महकमे के आलाधिकारियों के बीच तीन दिन पहले वार्ता हुई थी. रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि उस समय सरकार को मांगें मानने के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया था. लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया.
जार्ड का आरोप सरकार ने मजबूर किया
जयपुर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (जार्ड) के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर हम बीते 12 दिन से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन इस अवधि में शासन और प्रशासन की तरफ से कोई एक्टिव प्रयास नहीं दिखे. इसके चलते हमारी आज भी वही मांगें हैं जो पहले थी. लिहाजा हमें मजबूरी में सभी सर्विस बन करनी पड़ रही है. ऐसे में अब हमने अस्पतालों में जाना पूरी तरह से बंद कर दिया है.
राजस्थान में मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही है
राजस्थान में बदलते मौसम में मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही है. प्रदेश में डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और चिकन गुनिया समेत कई बीमारियां के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. खासकर जयपुर और उदयपुर में इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी है. अस्पतालों के वार्ड मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों से अटे हुए हैं. ऐसे हालात में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल कोढ़ में खाज वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है. बहरहाल इस मामले में सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.