जयपुर:- राजस्थान में अब सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार सख्त हो गई है. अगर अब गांवों में गंदगी पाई गई तो पंचायत प्रशासन पर कार्रवाई होगी. ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई का वेरिफिकेशन करने वाले जेईएन व एईएन सहित अन्य इंजीनियरों के साथ ही ठेका फर्मों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने ये आदेश किए हैं.
पिंपल्स या फिर दाग-धब्बे……..’कुछ लोगों के चेहरे पर अक्सर निकलते हैं!
40 प्रतिशत पैसा साफ सफाई पर होता है खर्च
पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर के अनुसार स्टेट फाइनेंस कमीशन का 40 प्रतिशत पैसा हर पंचायत में सफाई पर खर्च करना होता है. सफाई के नाम पर पैसा उठाया गया, लेकिन सफाई नहीं हो रही, यह अपराध है. ग्राम पंचायतों में ठेकेदार खानापूर्ति कर देते हैं, और पैसा उठा लेते हैं. ऐसे में अब अगर पंचायत में सफाई व्यवस्था सही नहीं मिली तो ग्राम विकास अधिकारी और सफाई ठकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी.
गांव में सफाई की जिम्मेदारी पंचायत प्रशासन के पास
आपको बता दें गांवों को साफ और सुंदर बनाने की जिम्मेदारी पंचायत प्रशासन के पास है. इसके अलावा ग्राम विकास अधिकारी तय मापदंड के आधार पर सफाई करवाते हैं, या ठेका देते हैं. वहीं सफाई व्यवस्था के लिए पंचायत को पैसे भी दिए जाते हैं. जिनसे वे गांव को और सुंदर और स्वच्छ बनाने का काम करते हैं. ऐसे में अगर अब ग्राम विकास अधिकारी और सफाई ठेकेदार अपना काम सही से नहीं करता हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने दो पंचायतों के वीडीओ को सस्पेंड किया
हाल ही में पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने औचक निरीक्षण किया था, जिसके बाद बस्सी की दो पंचायतों में साफ सफाई में लापरवाही पर ग्राम विकास अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. वहीं, कानोता वीडीओ प्रभु नारायण मीणा और बेनाड़ा वीडीओ सत्यनारायण मीणा को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए है. वहीं, इन पंचायतों में काम करने वाले ठेकेदार फर्म रमेश मीणा को पंचायतीराज विभाग ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है. इस फर्म के पास 23 पंचायतों, समितियों में साफ सफाई का ठेका है. वहीं सहायक अभियंता के खिलाफ भी जांच करने के आदेश दिए हैं.