जयपुर: रेंगती राजधानी से पर्यटन विमुख हुए है. परकोटे में स्थाई जाम, खराब पार्किंग व्यवस्था ने आईना दिखाया है. अप्रैल से अक्टूबर तक राजधानी से पर्यटक दूरी बनाते दिखे हैं. इन 7 महीनों में पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में पावणे घटे हैं.
वर्ष 2023 में इस अवधि में 35 लाख 71 हजार 798 पर्यटक आए थे. जबकि इस वर्ष इन 7 महीनों में 30 लाख 9142 सैलानी आए है. पिछले वर्ष की तुलना में 5 लाख 62 हजार 656 पर्यटकों की कमी हुई है. पुरातत्व विभाग के राजस्व में भी 3 करोड़ 33 लाख 61220 रुपए की कमी हुई है.
स्मारक और संग्रहालयों पर बेहतर व्यवस्था के बाद भी पर्यटक कम हो रहे हैं. पार्किंग, ट्रैफिक में सुधार जरूरी, लपका फ्री राजधानी बने तब हालात सुधरें. चालू वित्त वर्ष में पुरातत्व विभाग की पर्यटन से आय में भी कमी आयी है. पर्यटकों से होने वाली आय में 12.39 फीसदी की कमी आयी है.
सबसे ज्यादा आमेर में पर्यटक घटे हैं. चित्तौड़ में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है. पर्यटकों से मिले फीडबैक में कई खामियां उजागर हुई हैं. लपके, ट्रैफिक, पार्किंग, कनेक्टिविटी, ऑनलाइन टिकटिंग सबसे बड़े कारण हैं. 33 स्मारकों में से 24 में पर्यटकों की आवक में गिरावट हुई है.
वहीं महज 9 स्मारक व संग्रहालय में ही आवक में वृद्धि हुई है. अलवर, भरतपुर, चित्तौड़, बीकानेर, झालावाड़, ईसरलाट, सिसोदिया रानी का बाग, विद्याधर का बाग, किराडू का मंदिर में पर्यटक बढ़े हैं.