केंद्र सरकार आयकर अधिनियम में बदलाव कर इसे सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसे लेकर गठित केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की आंतरिक समिति हर बिंदु का बारीकी से अध्ययन कर रही है और गैर जरूरी प्रावधान हटाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही आम लोगों से भी आयकर कानून को आसान बनाने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि वर्तमान कानून के तहत उन्हें क्या परेशानियां हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है।
वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर अधिनियम में बदलाव कर उससे सरल बनने की घोषणा की थी, जिसके लिए छह महीने की समय-सीमा भी निर्धारित की थी। इसी कड़ी के तहत अब सीबीडीटी की कमेटी कानून में बदलाव को लेकर काम कर रही है। सूत्रों का कहना है कि व्यापक स्तर पर बदलाव की तैयारी है। ऐसे सभी प्रावधानों को हटा दिया जाएगा, जो जरूरी नहीं हैं। माना जा रहा है कि अगले साल फरवरी तक कमेटी के सुझाव के आधार पर बदलाव से जुड़े संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी।
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आप भी दे सकते हैं सुझाव
आयकर अधिनियम में बदलाव को लेकर आप भी अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके लिए आयकर विभाग का पोर्टल खुला हुआ है। सुझाव देने के इच्छुक आयकरदाता और आम नागरिक https//eportal.incometax.gov. in पर क्लिक करके ऑनलाइन अपना सुझाव दे सकते हैं। मुख्य तौर पर चार श्रेणी में सुझाव दिए जा सकते हैं। इनमें भाषा का सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, निरर्थक मामलों एवं अप्रचलित प्रावधान को हटाए जाने संबंधी सुझाव दिए जा सकते हैं। पोर्टल आठ अक्टूबर से सुझाव के लिए खुला है।
लंबी कानूनी प्रक्रिया से मुक्ति चाहते हैं टैक्सपेयर्स
बताया जा रहा है कि अब तक जो सुझाव मिले हैं, उनमें सबसे ज्यादा भाषा के सरलीकरण और लंबी चलने वाले कानूनी लड़ाई को कम करने से जुड़े हैं। दरअसल, आयकर विभाग में कर मांग के काफी मामले लंबित हैं, जो वर्षों से चले आ रहे हैं। ऐसे मामलों में कर मांग राशि भी सीमित है लेकिन इनके समाधान के लिए मौजूदा कानून के हिसाब से लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ रहा है। करदाता चाहते हैं कि ऐसे मामलों के निपटारे की प्रक्रिया सीमित हो। सुझाव आमंत्रित किए जाने के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।