इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने अपने लगभग 1000 रिजर्व सैनिकों को बर्खास्त कर दिया है। इजराइल के सैन्य प्रमुख ईयार जमीर और वायु सेना ने रिजर्विस्टों को बर्खास्त करने का फैसला किया है। हालांकि अभी यह मालूम नहीं है कि ये बर्खास्तगी कब से होगी।
इन सैनिकों ने गाजा में चल रहे जंग के खिलाफ आवाज उठाई थी और बंधकों की रिहाई को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल युद्धविराम की मांग की थी।
इजराइल में पहली बार एक साथ इतने सैनिक निकाले गए इजराइल में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों को इस तरह की वजह से नौकरी से निकाला गया है। बर्खास्त किए गए सैनिकों में ज्यादातर रिजर्व सैनिक हैं, जो हाल में गाजा और लेबनान में हुए जंग में शामिल थे।
इजराइल में पिछले महीने सैकड़ों वायुसेना रिजर्व सैनिकों ने कुछ इजराइली अखबारों में सरकार के नाम एक चिट्ठी प्रकाशित की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि गाजा में चल रही जंग अब राजनीतिक हितों को पूरा कर रही है। इसका अब कोई सैन्य उद्देश्य नहीं है।
इसमें कहा गया था कि गाजा में 18 महीने से चल रही लड़ाई न तो बंधकों को बचा रही है और न ही हमास को खत्म कर पा रही है। इसके बजाय इस जंग में सैनिक, बंधक और आम नागरिक मारे जा रहे हैं। अगर जंग जारी रहा तो बंधकों, सैनिकों और निर्दोष लोगों की मौत होगी।
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इस चिट्ठी पर सैकड़ों रिटार्यड अधिकारियों ने दस्तखत किए थे। इसे इजराइल के कई प्रमुख अखबारों में छापा गया था। इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में रिजर्व नेविगेटर अलोन गुर जैसे लोग शामिल थे, जिन्हें पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।
इजराइली सेना बोली- ये अनुशासन के खिलाफ
इजराइली सेना ने इस चिट्ठी को ‘अनुशासन’ और ‘सैन्य नीतियों’ के खिलाफ माना है। IDF प्रवक्ता ने कहा, “हमारी प्राथमिकता देश की सुरक्षा है। ऐसे समय में जब हम कई मोर्चों पर लड़ रहे हैं, इस तरह की कार्रवाइयां सैन्य एकता को कमजोर करती हैं।”
इन सैनिकों को नौकरी से निकाले जाने की आलोचना शुरू हो गई है। तेल अवीव में बंधकों की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे एक कार्यकर्ता, योआव लेवी ने कहा, “ये सैनिक सही कह रहे थे। युद्ध 18 महीने से चल रहा है, और 59 बंधक अभी भी गाजा में हैं। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए थी, न कि उन्हें नौकरी से निकालना चाहिए।”
कुछ सांसदों ने इस कार्रवाई का समर्थन किया और इसे सैन्य अनुशासन का सवाल बताया। हाल के एक सर्वेक्षण में 70% इजराइली नागरिकों ने बंधकों की रिहाई के लिए सीजफायर का समर्थन किया था। हालांकि पीएम नेतन्याहू हमास के पूरी तरह खत्म हो जाने तक जंग जारी रखने के समर्थक हैं।
हमास की कैद से इजराइली बंधकों की रिहाई के बाद इजराइल ने भी 369 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा। रिहाई के दौरान इन कैदियों को एक खास तरह की टी-शर्ट पहनाकर रिहा किया गया। इस पर ‘हम न भूलेंगे और न माफ करेंगे’ लिखा था।
