जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान में भाजपा के शासनकाल में महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ अपराधों में भयावह वृद्धि देखी जा रही है। राज्य नाबालिगों के साथ बलात्कार के मामलों में देश में पहले स्थान पर पहुँच गया है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या भाजपा के शासन में बालिकाओं का घर से बाहर निकलना भी खतरे में पड़ जाएगा?
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गहलोत ने कहा कि हाल ही में टोंक में एक नाबालिग दलित बालिका के साथ ब्लैकमेलिंग कर गैंगरेप किया गया, जबकि अजमेर में कई स्कूली छात्राओं के साथ इसी तरह के अपराधों की रिपोर्ट सामने आई है। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है और महिलाएं तथा बालिकाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
उन्होंने महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सलाह दी कि उन्हें इन मामलों को गंभीरता से लेकर उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। गृह विभाग एवं पुलिस विभाग की बैठक आयोजित कर उन्हें इस स्थिति की गहरी समीक्षा करनी चाहिए, ताकि यह समझा जा सके कि आखिर राजस्थान में महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि क्यों हो रही है। यदि समय रहते इन अपराधों पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी सामाजिक स्थिति पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।
गहलोत ने कहा कि इस संदर्भ में सरकार को न केवल कड़े कानून बनाने की जरूरत है, बल्कि इन कानूनों का सही तरीके से पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी निगरानी और त्वरित न्याय प्रणाली की आवश्यकता है। तभी जाकर राजस्थान में महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार किया जा सकेगा।
