इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच हाल ही में लागू हुए सीजफायर ने जहां पश्चिम एशिया में कुछ हद तक तनाव कम किया है, वहीं ईरान के लिए एक और बड़ी राहत की खबर सामने आई है. ईरान के आंतरिक मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने अहम जानकारी दी है.
मोमेनी ने कहा कि कि इस साल की शुरुआत से अब तक यानी 6 महीने में करीब 4 लाख अवैध विदेशी नागरिक देश छोड़ चुके हैं. उन्होंने इसे ईरान सरकार की सख्त आव्रजन नीति और सीमाओं पर कड़ी निगरानी का नतीजा बताया है.
अवैध आव्रजन पर सख्ती
बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद मोमेनी ने बताया कि अवैध घुसपैठ और अनधिकृत प्रवासियों की बढ़ती संख्या को रोकना अब सरकार की प्राथमिकता बन चुकी है. उन्होंने कहा, हम अब वह पुरानी व्यवस्था नहीं चला सकते, जहां पुलिस घुसपैठियों को गिरफ्तार कर उन्हें वापस भेजती है, और कुछ ही समय में वे फिर देश में प्रवेश कर लेते हैं.
गौरतलब है कि ईरान लंबे समय से अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से होने वाली अवैध घुसपैठ से परेशान रहा है. हालिया सैन्य तनावों के बीच सीमा सुरक्षा को और मज़बूत किया गया, जिससे अवैध तौर पर देश में घुसने वालों की संख्या में गिरावट आई है.
संयुक्त नीति की जरूरत
मोमेनी ने यह भी स्वीकार किया कि आव्रजन से निपटने के लिए देश में अब तक एक बिखरी हुई प्रणाली काम कर रही थी. उन्होंने आव्रजन नीति के लिए एक राष्ट्रीय समन्वित दृष्टिकोण की मांग करते हुए कहा कि जब तक वीजा जारी करने से लेकर रोजगार देने तक की पूरी प्रक्रिया को एकीकृत नहीं किया जाएगा, तब तक इस समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं है.
नेशनल माइग्रेशन ऑर्गनाइज़ेशन का प्रस्ताव
आंतरिक मंत्री ने बताया कि सरकार ने एक नए नेशनल माइग्रेशन ऑर्गनाइज़ेशन के गठन का ड्राफ्ट पास कर दिया है और यह फिलहाल संसद की समीक्षा में है. इस संस्था का मकसद देश में प्रवासियों की एंट्री, निगरानी और पुनर्वास की नीति को एक ही मंच पर लाना है. इजराइल के साथ संघर्ष के बाद सीजफायर ने ईरान को कुछ हद तक राहत दी है, और अब सरकार का पूरा ध्यान आंतरिक और सामाजिक संतुलन पर है. अवैध प्रवासियों की घर वापसी इसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
