भारत ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत में चंडीगढ़ की बेटी अमनजोत कौर की भूमिका निर्णायक रही। मैच के आखिरी पलों में उन्होंने ऐसा शानदार कैच पकड़ा, जिसने मुकाबले की दिशा ही बदल दी और टीम इंडिया को विश्व कप की चमचमाती ट्रॉफी दिलाई। दक्षिण अफ्रीका की ओपनर लौरा वोल्वार्ड्ट, जो 101 रन बनाकर टीम को जीत की ओर ले जा रही थीं, उनका कैच अमनजोत ने बेहतरीन फुर्ती से लपका। यह विकेट भारत के लिए मैच टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ, जिसके बाद विरोधी टीम 246 रन पर सिमट गई और भारत ने गौरवशाली जीत दर्ज की।
फाइनल से पहले अमनजोत ने अपनी दादी भगवंती कौर से फोन पर आशीर्वाद लिया था, और सचमुच वह आशीर्वाद रंग लाया। जैसे ही भारत ने खिताब जीता, मोहाली के फेज-5 में स्थित उनके घर में जश्न का माहौल बन गया। पूरे इलाके में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा और घर मिठाइयों से भर गया। पिता भूपिंदर सिंह, जो लकड़ी का काम करते हैं, ने गर्व से कहा, “भारत की बेटियों ने आज इतिहास रच दिया है। कपिल देव की तरह अब मेरी बेटी ने भी देश और शहर का नाम रोशन किया है।” मां रंजीत कौर ने कहा, “आज बेटी ने मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर देश का मान बढ़ाया है।”
कोच नागेश गुप्ता ने भावुक होकर कहा कि “आज मेरा सपना पूरा हुआ। मुझे हमेशा भरोसा था कि अमनजोत एक दिन देश के लिए बड़ा काम करेगी।” भूपिंदर सिंह ने बेटी के सपने के लिए हर मुश्किल झेली। वे रोज साइकिल से अमनजोत को सेक्टर-26 क्रिकेट ग्राउंड छोड़ने जाते थे और कई बार दिनभर की दिहाड़ी तक छोड़ देते थे। आज वही मेहनत और समर्पण रंग लाया — बेटी ने न केवल देश को वर्ल्ड कप जिताया, बल्कि पिता का सिर भी गर्व से ऊँचा कर दिया।






