भारत और बांग्लादेश के बीच कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में होने वाले दूसरे टेस्ट से 2 दिन पहले उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने एक स्टैंड को खतरनाक बताया है। सरकारी अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान लगा कि मैच के दौरान ढांचा स्टैंड की पूरी क्षमता का भार नहीं उठा पाएगा और नीचे गिर सकता है। परिणामस्वरूप, बिक्री के लिए बॉलकनी C स्टैंड की आधी से भी कम क्षमता उपलब्ध होगी।
4800 की जगह सिर्फ 1700 टिकट बेचे जाएंगे
यूपीसीए (UPCA) के सीईओ अंकित चटर्जी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘पीडब्ल्यूडी ने कुछ मुद्दे उठाए हैं। हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि हम बॉलकनी C के सभी टिकट नहीं बेचेंगे। हमें स्टैंड के लिए केवल 1700 टिकट बेचने के लिए कहा गया है, जबकि स्टैंड की क्षमता 4800 है। मरम्मत का काम अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा।’
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक, अगर स्टेडियम के उस खास हिस्से में अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई तो बड़ा खतरा है। मंगलवार को इंजीनियरों के एक समूह ने बॉलकनी C स्टैंड पर करीब छह घंटे बिताए। उन्होंने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) को शुक्रवार से शुरू होने वाले मैच के दौरान स्टैंड बंद करने की चेतावनी दी है।
50 लोगों का भी वजन नहीं उठा पाएगा स्टैंड
PWD के एक इंजीनियर ने बताया, ‘ऋषभ पंत के छक्का मारने के बाद प्रशंसक यदि कूदने लगें तो यह स्टैंड 50 लोगों का भी वजन नहीं उठा पाएगा। स्टेडियम के इस हिस्से को मरम्मत की सख्त जरूरत है। शाम 5 बजे जब कर्मचारी स्टैंड से चले गए तो दोनों पक्षों (पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और यूपीसीए पदाधिकारियों) ने स्टैंड के पास बैठक की। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि स्टैंड अपनी पूरी क्षमता तक भार नहीं ले जा पाएगा।
UP के खेल विभाग के पास है ग्रीनपार्क स्टेडियम का स्वामित्व
ग्रीनपार्क स्टेडियम का स्वामित्व उत्तर प्रदेश सरकार के खेल विभाग के पास है। अंकित चटर्जी ने कहा, ‘यह स्टेडियम सीधे तौर पर यूपीसीए के अधीन नहीं है। हमारे पास इसे तैयार करने के लिए मैच से पहले 40 दिन की ही विंडो (समय) है। हमने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के इस महत्वपूर्ण मैच से पहले सब कुछ बरकरार रखने की पूरी कोशिश की है।
खराब रोशनी से भी हो सकता है खेल प्रभावित
फ्लडलाइट अब भी एक मुद्दा है यदि पुराने स्टैंड के खंभे प्रशंसकों का भार नहीं उठा सकते हैं, तो खराब रोशनी से भी खेल प्रभावित हो सकता है। स्टेडियम में लगी फ्लडलाइट भी चिंता का विषय है। पिछली बार जब भारत ने ग्रीनपार्क में खेला था, तो रचिन रविंद्र और एजाज पटेल की आखिरी विकेट की जोड़ी ने न्यूजीलैंड के लिए ड्रॉ सुनिश्चित किया था, क्योंकि 5वें दिन के आखिरी सत्र के दौरान खेलने लायक रोशनी नहीं थी।
ड्रॉ हुए टेस्ट के आखिरी 10 मिनट नाटकीय थे, जब भारतीय खिलाड़ी इस उम्मीद के साथ ऊपर की ओर देख रहे थे कि रोशनी में सुधार होगा, लेकिन न्यूजीलैंड के हार से बच जाने से उन्हें निराश होकर ड्रेसिंग रूम लौटना पड़ा था।
फ्लडलाइट के भी 8 बल्ब ठीक नहीं
उस मैच को हुए लगभग तीन साल हो गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस को लगता है कि फ्लडलाइट समस्या का अब तक समाधान नहीं किया गया है। खेल विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘वीआईपी पवेलियन के पास फ्लडलाइट के आठ बल्ब ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।’