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August 25, 2025 12:27 am

जिसमें लश्कर का आतंकवादी भी शामिल……’ट्रंप प्रशासन में व्हाइट हाउस के सलाहकार बने 2 ‘जिहादी’

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वॉशिंगटन से चौंकाने वाली खबर सामने आई है.  से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तहत बनाए गए व्हाइट हाउस एडवाइजरी बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में दो ऐसे लोगों की नियुक्ति की गई है, जिनका इस्लामिक जिहादी संगठनों और प्रतिबंधित आतंकी समूहों से सीधा नाता रहा है. इनमें से एक शख्स- इस्माइल रॉयर, जो 2000 में पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा ले चुके हैं और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले में भी शामिल रहे हैं.

रिपब्लिकन पार्टी की फायरब्रांड नेता और डोनाल्ड ट्रंप की सहयोगी लॉरा लूमर ने इस सनसनीखेज नियुक्ति का खुलासा किया है. उन्होंने इसे पागलपन भरा फैसला बताया है और व्हाइट हाउस पर गंभीर सवाल उठाए हैं. लॉरा लूमर के अनुसार, ना केवल इस्माइल रॉयर बल्कि ज़ायतूना कॉलेज के सह-संस्थापक शेख हम्ज़ा यूसुफ की नियुक्ति भी खतरनाक है क्योंकि उनका अतीत कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़ा रहा है.

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कौन हैं इस्माइल रॉयर?

इस्माइल रॉयर, जिनका असली नाम रेंडेल रॉयर था, उन्होंने 2000 में इस्लाम धर्म अपनाने के बाद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया था. अमेरिकी अदालत ने 2004 में उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के आरोप में दोषी ठहराया था. उन्हें 20 साल की सजा सुनाई गई थी, जिनमें से 13 साल की सजा उन्होंने पूरी की.

लॉरा लूमर ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा कि इस्माइल रॉयर ने ‘वर्जीनिया जिहादी नेटवर्क’ के तहत भारत में आतंकी हमलों में हिस्सा लिया. वो FBI जांच के दायरे में आए और 2003 में अमेरिकी सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अल-कायदा व लश्कर-ए-तैयबा को सहयोग देने जैसे गंभीर आरोपों में दोषी पाए गए.

भारत-विरोधी साजिशों में शामिल रहा है इस्माइल रॉयर

अदालती रिकॉर्ड के मुताबिक, इस्माइल रॉयर ने अपने अन्य साथियों मसूद खान, योंग की क्वॉन, मुहम्मद अतीक और ख्वाजा महमूद हसन को पाकिस्तान स्थित LeT ट्रेनिंग कैंप पहुंचाने में मदद की, जहां उन्होंने हथियारों की ट्रेनिंग ली. इसके अलावा इस्माइल रॉयर ने इब्राहिम अहमद अल-हामदी को भी आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) चलाने की ट्रेनिंग दिलवाने में मदद की, जिसका उद्देश्य भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करना था.

ट्रंप समर्थकों में नाराजगी

लॉरा लूमर ने इस्माइल रॉयर की नियुक्ति को पागलपन बताया और कहा कि ये किसी देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. हम एक ऐसे व्यक्ति को सलाहकार बना रहे हैं, जिसने भारत में आतंक फैलाया और जिसे खुद हमारी अदालत ने दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि इस बोर्ड में दूसरी नियुक्ति शेख हम्जा यूसुफ की भी गंभीर जांच होनी चाहिए क्योंकि उनकी पृष्ठभूमि भी जिहादी विचारधारा से जुड़ी बताई जाती है.

धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में नियुक्ति

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में बताया गया कि इस्माइल रॉयर वर्तमान में रिलिजियस फ्रीडम इंस्टीट्यूट के तहत इस्लाम और धार्मिक स्वतंत्रता एक्शन टीम के निदेशक हैं. ट्रंप प्रशासन ने उन्हें धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधि स्वरूप इस बोर्ड में शामिल किया है, लेकिन उनका अतीत इन दावों को कठघरे में खड़ा करता है.

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