गेहूं पर घमासान मचा हुआ है। इस साल गेहूं का सरकारी स्टॉक 16 सालों के सबसे निचले स्तर पर है। क्योंकि सरकारी खरीदी अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है। जिसे देखते हुए बीते कुछ दिनों से गेहूं इंपोर्ट पर अटकलों का बाजार गर्म है। गेहूं कारोबारी संजीव जैन के अनुसार साउथ स्थित बंदरगाहों के आयातकों की ने सरकार से दो मांग कर रहे हैं। पहला गेहूं का आयात खोले और इस पर लगी 44 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी को कम करें।
गेहूं इंपोर्ट का मजबूत आधार बन सकता है
बाजार जानकारों के अनुसार गेहूं इंपोर्ट पर सथिति परीक्षण के लिए ही स्टॉक लिमिट का फैसला लिया गया है। अगर स्टॉक लिमिट लगाने के बाद भी गेहूं के दामों में तेजी बरकरार रहती है तो ये गेहूं इंपोर्ट का मजबूत आधार बन सकता है। कहा जा रहा है कि देश में गेहूं स्टॉक भरपूर है, लेकिन दामों को सथिर करने और सरकारी स्टॉक से जुड़ी भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए गेहूं इंपोर्ट को हरी झंडी मिल सकती है। यदि गेहूं इंपोर्ट के लिए ड्यूटी कम की जाती है, तो इंपोटेंट गेहूं जुलाई से साउथ इंडिया के पोर्ट से पहुंचना शुरू हो जाएगा। त्यौहारी सीजन से पहले खाद्य महंगाई को कम करने के लिए ओएमएसएस के जरिए गेहूं बिक्री की योजना है, जिसके लिए गेहूं इंपोर्ट करना पड़ेगा।
भंडारण सीमा से गेहूं में गिरावट की संभावना नहीं
बाजार जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा गेहूं में स्टॉक लिमिट लागू किए जाने से गेहूं के दाम में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। सरकार द्वारा तय की गई मंडारण सीमा कारोबारियों के लिए पर्याप्त है। इसके साथ ही अगले महीने से ठगेहूं की मांग भी बढ़ सकती है। हिमांशु फ्लोर मिल्स के प्रमोद जैन (हिमांशु) और भोपाल अनाज मंडी स्थित गेहूं कारोबारी संजीव जैन ने कहाकि केंद्र सरकार ने थोक कारोबारियों के लिए 3,000 टन गेहूं के भंडारण की सीमा तय की है, जो इन कारोबारियों के लिए पर्याप्त है।
10 टन भंडारण सीमा पर्याप्त
इससे अधिक गेहूं का भंडारण कम ही कारोबारी करते होंगे। आटा मिल वालों को भी अपनी स्थापित मासिक क्षमता का 70 फीसदी और खुद्रा कारोबारियों के लिए 10 टन भंडारण सीमा पर्याप्त है। जिससे कारोबारियों को भंडारण वाले गेहूं को बेचने की हड़बड़ी नहीं होगी। हालांकि भारी मात्रा में भंडारण करने वाले कुछ। बड़े कारोबारियों को थोड़ी ड़ी बहुत बहुत दिक्कत । हो सकती है।। थोक बाजार हनुमानगंज स्थित आटा-मैदा के थोक व्यापारी दीपक पसारी ने कहा। कि मंडारण सीमा पर्याप्त होने से गेहूं के 5 दाम में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है।