Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 12:20 am

लेटेस्ट न्यूज़

22 सोने के दरवाजे, कैसे आ सकते हैं यहां: पटना के उस गुरूद्वारे की कहानी जहां ‘पीएम मोदी’ ने खिलाया लंगर, लगे हैं….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email
आपने पटना में कई चीजें देखी होंगी, लेकिन क्या यहां के सबसे मशहूर गुरुद्वारे के बारे में जानते हैं? जिसे तख्त श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है। बता दें, ये सिखों के दसवें और आखिरी गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है। गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसम्बर 1666 को पटना में सिखों के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर जी और माता गुजरी के घर हुआ था। जिस घर में उनका जन्म हुआ, आज वो तख्त श्री हरिमंदिर जी साहिब है।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार दौरे के दूसरे दिन पटना में ही है, और वो इस दौरे में तख्त श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। जहां वे पगड़ी पहन सेवा करते नजर आए, उन्होंने यहां दरबार साहिब में माथा टेका आशीर्वाद लिया। कुछ इसी तरह से यहां आने वाला हर शख्स सच्ची सद्भावना के साथ आशीर्वाद लेने पहुंचता है। चलिए आपको यहां की कुछ बढ़िया जानकारी देते हैं।

Jaipur Bomb Blast: जयपुर की ‘खूनी शाम’ 71 लोगों के मौतों का जिम्मेदार कौन? जानें 2008 की ये कहानी

श्रद्धालुओं ने करवाया था इमारत का निर्माण

पटना शहर गंगा नदी के पास स्थित ये इलाका अब पटना साहिब कहलाता है। पहले इस जगह को कूचा फारुख खान भी कहा करते थे। श्री हरमिंदर जी साहिब सिखों के लिए ये काफी पवित्र जगह है। यहां केवल सिख ही नहीं बल्कि दूसरे धर्म के लोग भी काफी आते हैं। 18वीं सदी के पास श्रद्धालु सिखों ने पटना साहिब में एक इमारत का निर्माण किया था, जिसका नाम तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब रखा गया। ये विश्व का दूसरा सबसे बड़ा तख्त है। संगमरमर से बनी इमारत सिख कौम के लिए श्रद्धा, और शक्ति का केंद्र बन चुकी है।
75 साल पहले 20 लाख में बनाई गई इमारत

10 नवंबर 1948 ई. की कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तख्त साहिब की 5 मंजिला इमारत की नींव रखी गई थी। उस समय इमारत का निर्माण करवाने में करीबन 20 लाख रुपए खर्च हुए थे। दरबार के हॉल की ऊंचाई 31 फीट और जमीन से गुरुद्वारे के गुंबद की ऊंचाई 108 फीट थी। ये काम 1957 साल दसवें गुरु के प्रकाश पर्व के दिन काम खत्म हुआ था.
 
इमारत की हर मंजिल दिखेगी बड़ी खास
तख्त श्री हरमिंदर की पांच मंजिला इमारत है, उसके नीचे तहखाना है। पहली मंजिल में जन्मस्थान है। सालों से तीन बजे सुबह से 9 बजे तक सारा धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है। दूसरी मंजिल पर अखंड पाठ, और तीसरी पर अमृतपान का इंतजाम होता है। चौथी पर पुरातन हस्तलिपि और पत्थर के छाप कई साल पुरानी बीड को सुरक्षित रखा है। परिसर में दो निशान साहिब आपको दिखेंगे, एक का निर्माण 17 साल पुराना है।
कैसे पहुंचे सकते है.
पटना देश के हर हिस्से से अच्छे से कनेक्टेड है, यहां आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग से आसानी से जा सकते हैं। अगर आप यहां गर्मी में जाना चाहते हैं, तो ये समय यहां घूमने का सही नहीं है। वैसे गर्मी में आप सुबह और शाम को जा सकते हैं।
ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर