Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 9:57 am

लेटेस्ट न्यूज़

Himachal News: जानें पूरा मामला……..’कर्ज के ब्याज से बचने के लिए सरकार वेतन और पेंशन देने में कर रही है विलंब….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों के कर्मचारियों को अगस्त का वेतन नहीं मिल पाया है और न ही पेंशनरों को पेंशन ही मिल पाई है। सोमवार को दो तारीख बीतने पर भी वेतन और पेंशन न मिलने से कर्मचारी और पेंशन परेशान रहे। कर्मचारियों को वेतन पांच सितंबर तक ही मिल सकता है, जबकि पेंशनरों को पेंशन उसके बाद दी जाएगी। हालांकि, वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार वेतन और पेंशन का भुगतान पांच सितंबर या इसके बाद कर दिया जाएगा। कर्ज लेकर वेतन देने और इस पर पड़ने वाले ब्याज से बचने के लिए ही यह वित्तीय प्रबंधन किया जा रहा है। हालांकि, बिजली बोर्ड, एमसी शिमला व एचपीयू के कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन-पेंशन  सोमवार को दे दिया गया।

पहली सितंबर को रविवार था तो स्वाभाविक रूप से कर्मचारियों-पेंशनरों को लग रहा था कि वेतन-पेंशन सोमवार को खाते में आएगा। वेतन और पेंशन देने को लेकर सरकार की ओर से किसी का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, मगर वित्त विभाग के सूत्रों को कहना है कि हर महीने कर्ज लेकर वेतन-पेंशन देने की प्रथा को स्थगित करने के लिए ऐसा किया गया है। कर्ज लेकर अगर समय पर वेतन और पेंशन दिए जाते तो सरकार को तीन करोड़ रुपये महीने का ब्याज देना पड़ता है।

इवेंटस्थान में नजर आया मनोरंजन की विविधताओं का संगम,रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ हुआ समापन

यानी एक साल में 36 करोड़ रुपये ब्याज में देने पड़ते हैं। 5 सितंबर को केंद्रीय करों पर भी स्थिति स्पष्ट हो जाती है। उससे भी वित्तीय प्रबंधन किया जाएगा। एक दिन पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा था कि प्रदेश में कोई आर्थिक संकट नहीं है। राज्य में वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के मद्देनजर ही मंत्रियों और विधायकों का वेतन और भत्तों को दो महीने आगे विलंबित किया गया है। उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की हालत आर्थिक आपातकाल जैसी है। कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन नहीं मिली है।

कर्मचारी बोले – कैसे भरेंगे लोन की किस्तें 

हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित सेवाएं कर्मचारी महासंघ (प्रदीप गुट) के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि समय पर वेतन जारी किया जाए। वेतन दो तारीख को भी जारी न करने से कर्मचारियों को बैंकों की किस्तों और अन्य खर्चों को निकालने की चिंता सताने लगी है। ज्यादातर कर्मचारियों ने बैंकों से तरह के लोन लिए हैं, जिनकी किस्तें दो से पांच तारीख के बीच ही तय की होती हैं।

हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित सेवाएं कर्मचारी महासंघ (त्रिलोक गुट) के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से उठाया जाएगा। वहीं, हिमाचल प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारियों की तनख्वाह न आने का मामला मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से उठाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ के महासचिव हीरालाल वर्मा ने मुद्दे को प्रदेश सरकार से उठाने का आश्वासन दिया है।

वेतन, पेंशन, भत्तों पर हर महीने खर्च हो रहे 2,200 करोड़ रुपये

हिमाचल प्रदेश में वेतन-पेंशन संबंधित खर्चों पर सालाना 25 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इनमें हर महीने लगभग 2,000 से 2,200 करोड़ रुपये वेतन, पेंशन, अन्य भत्तों आदि पर ही व्यय हो रहे हैं। कर्ज के मूलधन और ब्याज पर ही सालाना 10 हजार करोड़ व्यय हो रहे हैं। विकास के लिए कुल बजट का 40 फीसदी से भी कम पैसा बचता है। राज्य सरकार ने अपने तमाम स्रोतों से 18,739.39 करोड़ रुपये इस साल आमदनी के रूप में जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष 15,100.69 करोड़ राज्य के अपने टैक्स और 3,638.70 करोड़ गैर करों से आमदनी लक्षित है। करों के केंद्रीय हस्तांतरण से हिमाचल को 18,141.47 करोड़ मिलने की संभावना आंकी गई है।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर