मुंबई। डायबिटीज वालों के खानपान में सबसे महत्वपूर्ण यह भी है कि वो कौन से आटे की रोटी का सेवन कर रहे हैं। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि शुगर के मरीजों को गेंहू की जगह हाई प्रोटीन युक्त डाइट (high protein diet) चुनाव करना चाहिए। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए आटा कौन सा बेस्ट होता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए स्वस्थ आटे की रोटियाँ
डायबिटीज के मरीज क्या खाते हैं और क्या नहीं, यह दोनों ही बाते उनके ब्लड शुगर लेवल पर असर डालती हैं। इसलिए शुगर के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डायबिटीज भी दो प्रकार की होती हैं, टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं नष्ट होने लगती है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को लो कार्ब और हाई प्रोटीन डाइट की सलाह दी जाती है। हाई प्रोटीन डाइट में डायबिटीज के मरीजों को मरीजों गेहूं के आटे की जगह बेसन, ज्वार और जौ आदि आटे की रोटी खानी चाहिए। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं, तो इन रोटियों को जरूर खाएं।
बादाम के आटे की रोटी
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बादाम का आटा डायबिटीज पेशेंट्स के लिए फायदेमंद है। बादाम के आटे में हाई प्रोटीन, लो कार्ब, हाई फाइबर और हेल्दी फैट्स होते हैं। ये शरीर में हाई एनर्जी लेवल बनाए रखने के साथ शुगर लेवल को मेंटेन रखता है।
बेसन के आटे की रोटी
बेसन के आटे की रोटी डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे अच्छी है। इसमें हाई प्रोटीन और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। इसमें शरीर से कमजोरी दूर करने के साथ बेसन के सेवन के कई बेनिफिट्स देखे गए हैं। यह वेट लॉस डाइट के लिए भी फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन की भी उच्च मात्रा पायी जाती है। डायबिटीज के अलावा यह हार्ट प्रॉब्लम और ब्लड प्रेशर के खतरे को भी कम करता है।
कुट्टू के आटे की रोटी
शुगर के मरीज अपनी डाइट में गेहूं की जगह कुट्टू के आटे की रोटी शामिल कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी मदद करता है। इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, फाइबर और आयरन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।
रागी के आटे की रोटी
रागी के आटे का सेवन डायबिटीज के अलावा और भी कई रोगों के उपचार में काफी फायदेमंद है। इसमें पॉलीफेनोल और फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है। रागी में फाइटोकेमिकल्स की मात्रा भी होती है, जो खाना पचाने की प्रक्रिया को स्लो करने के साथ इंसुलिन के उत्पादन में भी मदद करती है।
जौ के आटे की रोटी
जौ का आटा भी डायबिटीज के मरीजों के लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक विकल्प है। जौ के आटा में कम कार्बोहाइड्रेट होता है और यह पाचन में भी आसान है। जौ ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे विटामिन, फाइबर और मैग्नीशियम आदि।