auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

August 25, 2025 6:19 pm

Health Alert: इस संक्रामक रोग को लेकर डॉक्टर ने किया अलर्ट……..’दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो हो जाइए सावधान…..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

सितंबर-अक्तूबर के महीने में राजधानी दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में हर साल मच्छर जनित रोगों के मामले बढ़ जाते हैं। डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोगों को लेकर इस बार डॉक्टर्स पहले से अलर्ट हैं। इस बीच कई अस्पतालों से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों में ओपीडी में टाइफाइड के मरीजों की संख्या में काफी उछाल देखा जा रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, 15 साल के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, लगभग सभी उम्र के लोगों में टाइफाइड का निदान किया जा रहा है। इस बीमारी से बचाव के लिए सभी लोगों को लगातार सावधानी बरतते रहने की जरूरत है।

Health Tips: जानिए उलटी और दस्त के बाद कैसा खाना लें……

ग्रेटर नोएडा स्थित एक निजी अस्पताल में जनरल फिजीशियन डॉ नरेंद्र तिवारी ने बताया कि ओपीडी के दौरान जुलाई से अगस्त के आखिरी सप्ताह तक करीब 40-50 लोगों में टाइफाइड की समस्या का पता चला है। इस बीमारी के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। मानसून और कई स्थानों पर हुए जलजमाव ने खतरे को बढ़ा दिया है। टाइफाइड कई मामलों में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है इसलिए सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है।

मच्छर नहीं, इस वजह से होता है रोग

मानसून के आखिर के समय यानी सितंबर-अक्तूबर का महीना आमतौर पर मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी जैसे डेंगू-चिकनगुनिया का खतरा बढ़ा देता है। हालांकि इन सबसे अलग टाइफाइड रोग मच्छरों से नहीं बल्कि दूषित जल-भोजन से होता है। इसके लिए मुख्यरूप से साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया को कारण माना जाता है।

मच्छर जनित रोग और टाइफाइड के कई लक्षण काफी मिलते-जुलते हो सकते हैं जिसे लेकर अक्सर लोग भ्रम की स्थिति में रहते हैं।

टाइफाइड रोग के बारे में जानिए

डॉ नरेंद्र तिवारी बताते हैं, अगर आपने दूषित भोजन और पानी का सेवन कर लिया है तो इससे टाइफाइड होने का खतरा बढ़ जाता है। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया आपकी छोटी आंत को संक्रमित करता है जिससे तेज बुखार पेट दर्द और अन्य लक्षण हो सकते हैं। बाढ़ और जलजमाव वाले स्थानों पर इसका जोखिम अधिक देखा जाता रहा है।

इसके अलावा भोजन के रखरखाव में लापरवाही या फिर बिना फिल्टर किए या बिना उबाले पानी पीने से भी इस बैक्टीरिया के संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। टाइफाइड का अगर समय पर इलाज न हो पाए तो इसके कारण गंभीर जटिलताओं और मृत्यु का खतरा भी हो सकता है।

क्या होते हैं टाइफाइड के लक्षण?

टाइफाइड रोगियों में हल्के से लेकर तेज बुखार (104 डिग्री फारेनहाइट), ठंड लगने, सिरदर्द, कमजोरी और थकान, मांसपेशियों और पेट में दर्द के साथ दस्त या कब्ज की दिक्कत होती है। ये बीमारी कुछ सप्ताह बाद आंतों में भी दिक्कतें पैदा कर सकती है। इसके कारण पेट में सूजन, पूरे शरीर में फैलने वाले आंत के बैक्टीरिया के कारण संक्रमण (सेप्सिस) हो सकता है।

बैक्टीरिया के संपर्क में आने के सात से 20 दिनों के भीतर लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इसमें समय पर रोग का निदान कर इसका इलाज प्राप्त करना जरूरी हो जाता है।

टाइफाइड से कैसे बचें?

डॉ नरेंद्र तिवारी बताते हैं शुद्ध भोजन और साफ पानी पीना टाइफाइड से बचाव का सबसे आसान तरीका है। इसके अलावा संक्रमण के रोकथाम का सबसे अच्छा तरीका हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना है। बार-बार हाथ धोना आपको संक्रमण से बचा सकता है। भोजन को अच्छे से पकाकर ही खाएं और उबाल कर या फिर फिल्टर किया हुआ पानी ही पीना चाहिए।

मानसून के दिनों में कच्चे फल और सब्जियां खाने से बचें। कच्ची चीजें दूषित पानी के संपर्क में आकर बैक्टीरिया के पनपने का माध्यम हो सकती हैं। जिन स्थानों पर भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात हैं वहां टाइफाइड को लेकर और भी सावधानी बरतते रहना जरूरी हो जाता है।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login