भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट वितरण के साथ ही पार्टी में बगावत तेज हो गई है। इस कड़ी में भाजपा से सांसद नवीन जिंदल की मां और पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने भाजपा के टिकट न मिलने के बाद बगावती रुख अपना लिया है। सावित्री जिंदल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं तो चुनाव लड़ूंगी। इस बयान से राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।
वहीं, हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने भी भाजपा के खिलाफ बगावती सुर अपनाए हैं। इस कड़ी में रणजीत सिंह ने भाजपा को छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है। जानकारी के अनुसार 8 सितंबर को रानियां में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। रणजीत ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने मुझे डबवाली से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है, लेकिन मैंने यह ऑफर ठुकरा दिया।
रानियां सीट से टिकट न मिलने के बाद चौटाला ने कहा कि वह जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेंगे। सावित्री जिंदल का यह फैसला भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नेता रही हैं।
रतिया विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दिए जाने से नाराज होकर रतिया के वर्तमान विधायक लक्ष्मण नापा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। नापा ने बुधवार देर रात को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली को अपना इस्तीफा भेज दिया।
दुग्गल को टिकट मिलने की आहट पर पहले से ही शुरू हो गया था विरोध
कुछ दिनों से सुनीता दुग्गल रतिया क्षेत्र में सक्रिय हो गई थी। कार्यकर्ताओं को दुग्गल को टिकट मिलने की आहट होने पर पार्टी में विरोध के स्वर पहले से ही उठने लगे थे। बाकायदा कार्यकर्ताओं की ओर से प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर स्थानीय उम्मीदवार को ही टिकट देने की मांग की गई थी। कार्यकर्ताओं ने मौजूदा विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा और मुख्तयार बाजीगर में से किसी एक को टिकट देने की मांग की थी। कई गांवों के सरपंचों से भी लिखवाया गया है। मगर इसके बावजूद हाईकमान ने सुनीता दुग्गल को टिकट थमा दी है।
यह है दुग्गल का राजनीतिक सफर
साल 2014 में आईआरएस सुनीता दुग्गल ने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया था। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें रतिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया। वह इनेलो के उम्मीदवार रविंद्र बलियाला से मात्र 453 वोटों से हार गई थी। बाद में उन्हें हरियाणा सरकार में अनुसूचित जाति विकास निगम की चेयरपर्सन बनाया गया। साल 2019 में उन्हें सिरसा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया। उन्होंने 7,14,351 वोट लेकर 3,09,918 वोटों से तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को हराया। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
लक्ष्मण नापा के कांग्रेस ज्वाइन करने की संभावना
भाजपा से इस्तीफा देने के बाद लक्ष्मण नापा के कांग्रेस ज्वाइन करने की संभावना है। नापा से जुड़े लोगों के अनुसार वीरवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस का दामन थामेंगे।
बिजली मंत्री रणजीत सिंह का बड़ा बयान, मेरा अपना कद है
हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह को भारतीय जनता पार्टी से रानियां विधानसभा क्षेत्र की टिकट नहीं मिली, जिसके बाद गुरुवार को सिरसा स्थित अपने आवास पर रणजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में रणजीत सिंह ने अपने अगले कदम पर चर्चा की और स्पष्ट किया कि वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा के दिल्ली स्थित वरिष्ठ नेताओं के फोन लगातार आ रहे हैं। लेकिन अब रणजीत चौटाला आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है।
फतेहाबाद से सतपाल बाजीगर और गुरमीत बाजीगर ने छोड़ी भाजपा
फतेहाबाद में भाजपा किसान मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी सतपाल बाजीगर ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ऐलान किया कि वह अब कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन करेंगे। सतपाल बाजीगर के इस फैसले के बाद भाजपा के भीतर असंतोष की लहर और तेज हो गई है।
सतपाल के साथ ही भिरड़ाना मंडल के उपाध्यक्ष एडवोकेट गुरमीत बाजीगर ने भी भाजपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब कार्यकर्ताओं की नहीं सुन रही है और पार्टी के भीतर बाहरी उम्मीदवारों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
हिसार से टिकट कटने के बाद पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने बुलाई समर्थकों की बैठक
भाजपा से टिकट कटने के बाद हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने हिसार में अपने समर्थकों की अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में बड़ी संख्या में उनके समर्थक जुटे और आगामी चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की। सावित्री जिंदल ने इस दौरान हिसार से चुनाव लड़ने का एलान किया और कहा कि भाजपा से बगावत की बात कहां से आ गई, मैं तो भाजपा में थी ही नहीं।
पानीपत से महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, शशिकांत ने बुलाई बैठक
पानीपत से भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष आशु शेरा इस्तीफा दिया। उनके पति सत्यवान शेरा इसराना विधानसभा से टिकट मांग कर रहे थे।लंबे समय से हलके में सक्रिय भी थे। आशु शेरा जिला परिषद की चेयरपर्सन रह चुकी हैं। यहां से राज्यसभा सांसद कृष्णलाल पंवार को टिकट मिला है।
वहीं समालखा से दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके शशिकांत कौशिक ने भी बैठक बुलाई। समर्थकों के साथ लेंगे फैसला। यहां से पूर्व मंत्री करतार भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को भाजपा का टिकट मिला है।
पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य के समर्थकों ने किया विरोध
भाजपा से टिकट कटने के बाद सफीदों से पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य और उनके समर्थकों ने आर्य सदन मे रात में विरोध प्रकट किया। इस दौरान सारे भाजपा के पोस्टर उतरवा दिए।
कुरुक्षेत्र में भी दिखा भाजपा के विरोध का असर
कुरुक्षेत्र के थानेसर में वरिष्ठ भाजपा नेता कृष्ण बजाज के समर्थक सड़क पर उतरे और रोष जताया। उन्हें निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने की मांग की। वहीं, थानेसर में ही चुनावी तैयारी में अभी तक जुटे रहे जयभगवान शर्मा डीडी भी दोपहर बाद अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अगला निर्णय लेंगे।
थानेसर में इन दोनों नेताओं को दरकिनार कर पार्टी ने राज्यमंत्री एवं दो बार विधायक बन चुके सुभाष सुधा को मैदान में उतारा है। उधर पिहोवा में नए चेहरे के तौर पर सिख नेता कवलजीत सिंह अजराना को मैदान में उतारा है, जिनका भी विरोध शुरू हो गया है। आज उन्हें उम्मीदवार घोषित करने के विरोध में मेन चौक पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और उन्हें बाहरी उम्मीदवार करार दिया। वहीं, अम्बाला के मुलाना में भी टिकट कटने से पूर्व विधायक राजबीर बराड़ा के समर्थकों में रोष है।
महम ब्लाक समिति चेयरमैन ने भाजपा छोड़ी
महम विधानसभा चुनाव क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी द्वारा दीपक हुड्डा को टिकट देने से महम क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व पर महम विधानसभा क्षेत्र में टिकट वितरण में मेहनती कार्यकर्ताओ की अनदेखी करने के परिणामस्वरूप महम ब्लाक समिति के चेयरमैन नवनीत राठी ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। महम विधानसभा क्षेत्र से जुड़े भाजपा के लाखन माजरा, बहु अकबरपुर व महम मंडल के अध्यक्ष ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
सात सितंबर को खरकड़ा गांव में बुलाई शमशेर सिंह खरकड़ा ने पंचायत
भाजपा की ओर से महम हलके से कुश्ती खिलाड़ी दीपक हुड्डा को टिकट देने से पार्टी नेता शमशेर खरकड़ा के समर्थकों में नाराजगी है। खरकड़ा वीरवार को मीडिया के सामने आए, बोले अगर खेल कोटे से टिकट देना था तो उनकी पत्नी राधा अहलावत कम बड़ी खिलाड़ी नहीं है। न केवल भीम अवार्डी है।
बल्कि राष्ट्रपति तक सम्मानित कर चुके हैं। कार्यकर्ताओं की सात सितंबर को पैतृक गांव खरकड़ा में महापंचायत होगी। उसमें कार्यकर्ता जो कहेंगे, वह निर्णय लूंगा। खरकड़ा ने साफ किया है कि उन्होंने कोई पार्टी नहीं छोड़ी। कार्यकर्ता जो कहेंगे, वह निर्णय लूंगा।
महम से राधा अहलावत को भाजपा के टिकट के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा था। राधा के पति शमशेर खरकड़ा 2014 में भाजपा में आए और दो बार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकि वे जीत नहीं सके। अबकी बार उन्होंने अपनी पत्नी राधा अहलावत को भाजपा के टिकट पर मैदान में उतारने की पूरी तैयारी कर रखी थी। लोकसभा चुनाव में भी राधा अहलावत पार्टी के लिए काफी सक्रिय रही।
हालांकि भाजपा ने बुधवार को अंतर राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा को टिकट देकर चौंका दिया। बुधवार को ही खरकड़ा के भाजपा छोड़ने की चर्चा चली, लेकिन खरकड़ा ने वीरवार को मीडिया के सामने कहा कि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है। अफवाएं चल रही हैं। टिकट न मिलने से कार्यकर्ता नाराज हैं। रात दो बजे तक कार्यकर्ता अपनी भावनाएं व्यक्त करने आते रहे। उनके पास पार्टी छोड़ने की कोई पावर नहीं है।
मेरे साथ लंबे समय से जुड़े पार्टी कार्यकर्ता ही मेरा फैसला लेंगे । उन्होंने कहा पार्टी द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशी से उनको को एतराज नहीं है, लेकिन तीन महीने पहले कांग्रेस से आएं एक व्यक्ति को टिकट मिलने से भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं को मासूसी जरूर है। कार्यकर्ताओं की भावनाओं को देखते हुए 7 सितंबर को खरकड़ा गांव में स्थित बाबा श्योतनाथ मंदिर के साथ कबड्डी के मैदान में महम विधानसभा क्षेत्र के समर्थकों की महापंचायत बुलाई गई है। कार्यकर्ता जो निर्णय लेंगे, वह मंजूर होगा।