जयपुर। स्थानीय आध्यात्मिक सभा जयपुर के तत्वावधान में सैकड़ों धर्मावलंबियों ने 20 अप्रैल की पूर्व संध्या पर रिज़वान का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया। इस दौरान जयपुर के बहाईयों ने वर्ष 2024-25 के लिए स्थानीय आध्यात्मिक सभा का चुनाव भी किया गया। उल्लेखनीय है कि रिज़वान से बहाई प्रशासन का भी गहरा सम्बंध है। जिस किसी गांव या नगर में नौ या नौ से अधिक संख्या में बहाई लोग रहते हैं वहां एक वर्ष के लिए एक स्थानीय आध्यात्मिक सभा का चुनाव किया जाता है।

यह आध्यात्मिक सभा नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा के निर्देशन में समुदाय के आध्यात्मिक और प्रशासनिक मामलों का मार्गदर्शन करती है, जबकि दुनिया के सभी देशों में गठित ये राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभाएं बहाई धर्म की हाइफा (इजरायल) स्थित सर्वोच्च संस्था – विश्व न्याय मंदिर – से निर्देश प्राप्त करती हैं। अतः इस अवसर पर जयपुर के बहाइयों की स्थानीय आध्यात्मिक सभा के नौ सदस्यों का चुनाव भी पवित्र और गुप्त मतदान के माध्यम से किया गया जिसमें जैनब अनन्त, नेजात हगीगत, शाहीन हगीगत, अभिनव अनन्त, अपर्णा अनन्त, राजेश मीणा, भावना मीणा, अनुज अनन्त एवं स्नेहा अनन्त सदस्य के रूप मे चुने गए। 

बहाई लेखों में रिज़वान को ‘उत्सवों का सम्राट’ या ‘पर्वराज’ भी कहा गया है। अरबी भाषा में रिज़वान शब्द का अर्थ है “स्वर्ग”। बहाई धर्म में रिज़वान के उत्सव का आरंभ बहाई कैलेंडर के अनुसार 19 या 20 अप्रैल से होता है और यह 12 दिनों तक चलता है जिसमें पहला, नवां और बारहवां दिन खास रूप से महत्वपूर्ण है। इन दिनों बहाई लोग अवकाश एवं उत्सव मनाते हैं। यह वह अवधि है जब वर्ष 1863 में बहाउल्लाह “रिज़वान” नामक एक उद्यान में रुके थे और इसी दौरान उन्होंने अपने अनुयायियों के समक्ष यह घोषणा की थी कि वे ही ईश्वर के प्रतिज्ञापित अवतार हैं।

उक्त जानकारी देते हुए स्थानीय बहाई आध्यात्मिक सभा के सचिव अनुज अनन्त ने बताया कि रिज़वान के अवसर पर हर्षित मीणा ग्रुप द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया वही नन्ही बच्ची अस्मिता ने एक कहानी सुनाकर सबकी तालियां बटोरी।


Author: Sanjeevni Today
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