भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद भारत में इस बीमारी का खतरा बढ़ गया है. मध्य अफ्रीका के डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कांगो से निकली ये बीमारी अब पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रही है. बता दें कि एमपॉक्स एक वायरल जूनोसिस बीमारी है, जिसके लक्षण पुराने समय में होने वाली स्मॉलपॉक्स जैसे होते हैं. हालांकि यह उसके मुकाबले कम गंभीर है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने मंकीपॉक्स आउटब्रेक को ग्लोबल कंसर्न पब्लिक हेल्थ इमरजैंसी घोषित किया है. यही वजह है कि इसके लिए बहुत ज्यादा जागरुकता, रैपिड पहचान और इसके फैलाव को रोकने के लिए बचाव के उपायों को अपनाने की जरूरत है. हालांकि एम्स की ओर से अब इमरजेंसी में मंकीपॉक्स के मरीजों को हैंडल करने के लिए एसओपी जारी की गई हैं. एम्स में मेडिकल सुप्रिटेंडेंट प्रोफेसर निरुपम मदान की ओर से एम्स के सभी विभागों और यूनिट हेड्स को ये दिशानिर्देश दिए गए हैं.
इमरजेंसी स्क्रीनिंग
बुखार और रैश छालों के साथ या किसी मंकीपॉक्स पीड़ित के संपर्क में आने की हिस्ट्री के साथ आए मरीज को तुरंत इमरजैंसी में इलाज दिया जाए. इसके साथ ही अगर मरीज को बुखार, सिरदर्द, मसल्स में दर्द, बैक पेन, सूजे हुए लिंफ नोड, सांस लेने में दिक्कत और स्किन पर छाले, फफोले आदि हैं तो उन लक्षणों को तुरंत आइडेंटिफाई किया जाए.
आइसोलेशन
संदिग्ध मरीजों को तत्काल मंकीपॉक्स के लिए पहले से तय आईसोलेशन एरिया में रखा जाए जहां अन्य मरीजों और स्टाफ से उसका संपर्क कम से कम हो.
एम्स में एबी-7 में पांच बेड मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए आइसोलेट किए गए हैं. ये बेड इमरजेंसी सीएमओ की सलाह पर मरीजों को दिए जाएंगे. इसके बाद अस्थाई रूप से रखने के लिए बनाए गए एबी-7 मेडिसिन विभाग में इलाज के बाद मरीजों को मंकीपॉक्स के इलाज के लिए केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया जाए.
आईडीएसपी को सूचना
अगर संदिग्ध केस की पुष्टि हो जाती है तो उसकी जानकारी तत्काल इस नंबर 8745011784 पर इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के अधिकारियों को दी जाए.
आईडीएसपी को मरीज की सभी डिटेल्स जैसे ब्रीफ हिस्ट्री, क्लिनिकल फाइंडिंग्स और कॉन्टेक्ट नंबर आदि दिए जाएं.
सफदरजंग में रैफर
चूंकि मंकीपॉक्स के इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल को चिह्नित किया गया है, ऐसे में किसी भी संदिग्ध मरीज को आगे की जांच और इलाज के लिए सफदरजंग में रैफर किया जाए.
एंबुलेंस
सफदरजंग अस्पताल में मंकीपॉक्स के मरीजों को शिफ्ट करने के लिए एक एंबुलेंस नियत कर दी गई है. इमरजेंसी स्टाफ को 8929683898 नंबर पर एंबुलेंस कॉर्डिनेटर को इसकी जानकारी देनी है.
पेंशेंट हैंडलिंग और आइसोलेशन
सभी मरीजों का कठोर इन्फेक्शन कंट्रोल के तरीके से हैंडल करना है.
संदिग्ध मरीजों को देखते समय स्टाफ को पीपीई किट पहननी है.
डॉक्यूमेंटेशन और कम्यूनिकेशन
मरीज की जानकारी, लक्षण और रैफरल प्रोसेस के सभी दस्तावेज स्टाफ को रखने हैं. ये प्रोटोकॉल मंकीपॉक्स संदिग्धों के इलाज में लगे सभी विभागों के स्टाफ को फॉलो करने हैं.