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May 18, 2025 7:19 am

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सरकार करने जा रही है रिव्यू…….’क्या बंद हो सकती है सरकारी स्कीम्स…….

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एक हफ्ते के बाद से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा. जिसमें कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. खास बात तो ये है कि केंद्र सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का रिव्यू भी इसी वित्त वर्ष में करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट में एक सीनियर अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सरकार आगामी वित्त वर्ष में सभी केंद्रीय और केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा करेगी, जिसमें खर्च की गुणवत्ता, फंड्स के उपयोग और प्रत्येक योजना के परिणाम पर जोर दिया जाएगा. ये रिव्यू नए वित्त आयोग के साइकिल से पहले हर पांच साल में किया जाता है – जिसका उद्देश्य अनावश्यक योजनाओं को समाप्त करना और फंड्स के उपयोग को अनुकूलित करना है.

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रिव्यू के ये होंगे पैरामीटर

ईटी की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि वैल्यूएशन में कई पैरामीटर शामिल होंगे, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या कोई योजना अपने उद्देश्य को पूरा कर रही है या समान राज्य-स्तरीय योजनाओं के साथ ओवरलैप कर रही है, “और यह भी कि क्या छोटी योजनाओं को मिलाया जा सकता है या चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा सकता है. व्यक्ति ने कहा कि समीक्षा इस बात पर भी केंद्रित होगी कि योजनाओं के कार्यान्वयन में राज्यों ने कैसा प्रदर्शन किया है. प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, व्यय विभाग ने इन योजनाओं को लागू करने वाले नोडल मंत्रालयों से सुझाव मांगे हैं. अधिकारी ने कहा कि हमें सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए कुछ उपयोगी सुझाव मिले हैं.

वित्त वर्ष 2026 के लिए केंद्र सरकार की टॉप 10 योजनाओं का बजट
योजना का नाम बजट (करोड़ रुपए में)
मनरेगा 86,000
जल जीवन मिशन 67,000
पीएम किसान 63,500
पीएम आवास योजना रूरल 54,832
समग्र शिक्षा 41,250
नेशनल हेल्थ मिशन 37,227
पीएम आवास योजना अर्बन 23,294
मोडिफाइड इंट्रस्ट सबवेंशन स्कीम 22,600
सक्षम आंगनवाड़ी एंड पोशन 21,960
न्यू इंप्लॉयमेंट जेनरेशन स्कीम 20,000
अप्रैल से सामने आ सकती है रिपोर्ट

विभाग ने नीति आयोग से उन क्षेत्रों की पहचान करने को भी कहा है जहां राज्यों की योजनाएं केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के समान हैं. आधिकारिक थिंक टैंक अप्रैल तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है, जिसमें वित्त आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले योजनाओं को उनके मौजूदा स्वरूप में जारी रखने, संशोधित करने, बढ़ाने, घटाने या बंद करने की आवश्यकता पर सिफारिशें होंगी. अधिकारी ने कहा कि व्यय विभाग वित्त आयोग के सामने प्रस्तुत करने से पहले आयोग और विभिन्न मंत्रालयों से फीडबैक पर विचार करेगा.

कितना है सीएसएस का बजट

प्रमुख सीएसएस यसेजनाओं में आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए), प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी और पीएमएवाई-ग्रामीण, जल जीवन मिशन (जेजेएम) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2015 में सीएसएस के युक्तिकरण पर मुख्यमंत्रियों के एक उप-समूह का गठन किया और योजनाओं की संख्या 130 से घटाकर 75 कर दी गई. केंद्र ने 2025-26 के लिए सीएसएस के लिए 5.41 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा है. चालू वित्त वर्ष में केंद्र ने 5.05 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा था, जिसे बाद में संशोधित कर 4.15 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया.

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