भारत बनाम वेस्टइंडीज दूसरे टेस्ट से पहले टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज कप्तान सुनील गावस्कर वेस्टइंडीज की टीम पर जमकर बरसे हैं। उन्हें यहां तक वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को नेट बॉलर करार दे दिया। भारत के खिलाफ हुए पहले मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम पहले बैटिंग करते हुए 162 रनों पर सिमट गई थी, जिसके जवाब में टीम इंडिया ने केएल राहुल, ध्रुव जुरेल और रवींद्र जडेजा के शतकों के दम पर 5 विकेट के नुकसान पर 448 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। 287 रनों से पिछड़ रही वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में भी सस्ते में 146 रनों पर ऑलआउट हो गई। भारत ने यह मैच पारी और 140 रनों के बड़े अंतर से जीता।
गावस्कर ने स्पोर्टस्टार में अपने कॉलम में लिखा, “अहमदाबाद में जेडन सील्स के अलावा बाकी दो गेंदबाज तो बस ट्रंडलर थे, जो अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों से ज्यादा नेट गेंदबाज जैसे लग रहे थे। उनका अनादर करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन आधा दर्जन ओवर फेंके जाने के बाद पहली बाउंसर फेंके जाने पर, किसी ने भी पूछा, ‘क्या यह वास्तव में वेस्टइंडीज का तेज आक्रमण है?’ हां, बाउंसर फेंकना एक बड़ा प्रयास है, और गर्मी के दिन, यह गेंदबाज को बहुत थका सकता है, लेकिन यह बल्लेबाज को नियमित रूप से फ्रंटफुट पर जाने से रोकने का एक आश्चर्यजनक हथियार है।”
गावस्कर ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों के साथ-साथ बल्लेबाजों को भी खूब सुनाया। इस दौरान उन्होंने वेस्टइंडीज के कई लीजेंड बल्लेबाजों के भी नाम गिनवाए।
उन्होंने आगे कहा, “एक टीम जिसमें कभी रोहन कन्हाई, सेमोर नर्स, क्लाइव लॉयड, गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स जैसे तीन ‘W’ जैसे खिलाड़ी हुआ करते थे, इस मौजूदा टीम में ऐसा कोई नहीं है जो उनके आस-पास भी पहुंच सके। बेशक, मैं अतुलनीय गारफील्ड सोबर्स, विव रिचर्ड्स और ‘त्रिनिदाद के राजकुमार’ ब्रायन लारा को नहीं भूला हूं। वे सदी में एक बार पैदा होने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और सामान्य इंसानों से कहीं बेहतर थे।”