मेघश्याम पाराशर
भरतपुर। डीग जिले के मेवात में साइबर सरगना अब स्कूली बच्चों को साइबर ठगी की ट्रेनिंग दे रहे हैं। बड़ी संख्या में नाबालिगों के पढ़ाई छोड़कर ठगी के धंधे में उतारने का खुलासा हुआ है। एक साल में ठगी के मामले में पकड़े गए 119 आरोपी नाबालिग हैं। इसमें आधे से ज्यादा ऐसे हैं, जो बीच में ही स्कूल छोड़कर ठगी से जुड़े हैं। यह आंकड़ा पुलिस के लिए भी चौंकाने वाला है।
मैं अकेला नहीं, और भी मेरे जैसे…
पत्रिका ने स्कूल छोड़ ठगी से जुड़े एक नाबालिग शाकिर (बदला नाम) से बात की तो उसने बताया कि पहले छोटा लालच देकर काम सिखाया जाता है। उसके बाद जब पैसा आने लगता है तो वो खुद ही ठगी करने लगता है। मैं आठवीं फेल हूं, मगर मोबाइल और लैपटॉप से ठगी का हर काम तेजी से कर लेता हूं। मैं अकेला नहीं हूं, मेरे जैसे जाने कितने ही बच्चे स्कूल छोड़कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
केस 1 : डीग जिले में गत 7 जनवरी को कामां थाने के गांव अकबरपुर पहाड़ी में ऑनलाइन साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस ने पांच नाबालिग सहित 15 ठगों को पकड़ा। इसमें दो नाबालिगों ने दो साल पहले स्कूल छोड़ ठगी के पेशे में उतर गए।
842 आरोपी गिरफ्तार गत वर्ष, इनमें 119 निकले नाबालिग
460 ठग: 18-25 आयु के
178 ठग: 25 से 30 वर्ष
65-70 आरोपी: 40 वर्ष
40 आरोपी: 50 वर्ष के
4-5 आरोपी: 60 वर्ष
पुलिस की ऑपरेशन एंटी-वायरस कार्रवाई के आंकडे़
करनी चाहिए पहल
साक्षरता में कमी के चलते यहां लोग बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। स्कूल छोड़ने वाले हर बच्चे की समस्या को समझ उसका हल जरूरी है।
-ओमप्रकाश शर्मा, सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी
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