दुनियाभर में खाने में प्रसिद्ध इंदौर शहर के चोईथराम इंटरनेशनल स्कूल के प्रथम ग्रेड के बच्चे जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की डायरेक्टर डॉ श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन से हेल्थी फ़ूड :हेलथी लाइफ प्रैक्टिकल सीखने आए ।
बस में बैठ, सारे शहर के ट्रैफिक में से निकल कर सनावादिया पहुच ,जैसे ही सेंटर के हरे-भरे लहलहाते, साफ़-सुथरे, खेत से टेकरी पर चलते विंड मिल को देखते -देखते उपर पहुचे , जनक पलटा मगिलिगन ने अपना परिचय दिया ,स्वागत कर उन्हें साथ लेजाकर अपने पूरे फार्म , सोलर किचन , फ़ूड देने वाले सभी प्रकार के पेड़, पौधे ( उगी हुई फ़ूड ) दिखाए।
फिर उनको अपने आस पास बिठा कर हेलथी फ़ूड का मतलब बताया ,जो बिना केमिकल के ,देसी बीजो ,से उगाई जाती है ,प्लास्टिक में पैक नही होती । हेलथी फ़ूड से हेलथी लाइफ का मतलब जिससे हमारा शरीर , मन , और आत्मा स्वस्थ रहते है । कभी भी फ़ूड वेस्ट नहीं करना , प्लास्टिक की बोतल में पानी ,कोल्ड ड्रिंक नही पीना ।
अपना स्टील का ग्लास ,बोतल ,कपडे का रुमाल भी दिखाया। यह भी दिखाया कि अपने घर में जैविक उगाया , सोलर कुकर पर पकाया, जो भी घर में है जैसे मूफली से पीनटबटर ,नीबू का शर्बत , शेतूत का जैम बनाकर खाते है ।
इसके बाद टेबल पर रखे मूली,सरसों पलक की भाजी, तुलसी , मीठी नीम , सहजन की फलियाँ, गिलकी सब्जियाँ, हल्दी , मसाले, फल – फूल और औषधीय पौधे, अनाज गेहूं मक्का.ज्वार और बाजरा ,तुवर ,चने, चने की दाल ,उडद ,मूंग के मोगर और इनके नाम पूछे तो कोई नही पहचान पाया । एक ने ,मूली पहचानी । सोलर ड्राई हल्दी की छोटी गोली देखी तो कहा “चाकलेट” । सभी ने कभी यह ताज़ी फ़ूड आइटम्स देखी नही । इंटरनेशनल स्टेंडर्ड पढने वाले ,पढ़ाने वाले ,माता-पिता को /भारतीय / देसी / सिखाने में रुचि नहीं है या उन्हें जरूरत नहीं लगती । पाठ्यक्रमो में लोकल नाम नहीं है । लेकिन मुझे ख़ुशी है कि स्कूल ,कालेज स्टडी / प्रैक्टिकल के लिए भेजते है और मैने जो सीखा ,अनुभव लिया और किया है वो ,भारत की भावी पीढीयों को सिखाने ,बताने का अवसर है 2011 से 1 लाख 73 हज़ार को निशुल्क सिखाने का सौभग्य है । बच्चे बहुत खुश और उत्साहित हुए ।
