देश के मिडिल क्लास के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हालिया बयान राहत लेकर आया है. एक तरफ बढ़ती ब्याज दरें और महंगे कर्ज का दबाव आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है, वहीं वित्त मंत्री ने इस विषय पर बोलते हुए कुछ ऐसे कदम उठाने की जरूरत बताई, जो मिडिल क्लास को राहत दे सकते हैं.
महंगे कर्ज पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
SBI बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2024 में वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में कर्ज लेना महंगा है. उन्होंने कहा, “जब हम बिजनेस का विस्तार करने और इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की बात करते हैं, तो यह बेहद जरूरी है कि कर्ज की ब्याज दरें किफायती हों. महंगे कर्ज की वजह से लोगों के सपने अधूरे रह जाते हैं. खासकर मिडिल क्लास के लिए यह दबाव ज्यादा है. इसलिए सरकार और बैंकिंग सेक्टर को मिलकर समाधान निकालना चाहिए.”
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क्या कहते हैं डेवलपर्स?
वित्त मंत्री के इस बयान पर रियल एस्टेट से जुड़े डेवलपर्स ने भी प्रतिक्रिया दी है. अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल का कहना है कि आज के समय में मिडिल क्लास के लिए घर खरीदना एक बड़ी चुनौती है. महंगे कर्ज ने इसे और मुश्किल बना दिया है. अगर ब्याज दरें कम की जाती हैं तो रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश और बिक्री दोनों को बढ़ावा मिलेगा.
SKA ग्रुप के डायरेक्टर, संजय शर्मा के मुताबिक, RBI की तरफ से ब्याज दरों में कटौती का इंतजार सिर्फ रियल एस्टेट क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश के घर खरीदने वालों को है. रेपो रेट घटता है तो होम लोन की ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं. खासकर किफायती आवास क्षेत्र में मांग बढ़ सकती है, क्योंकि ज्यादा लोग घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे. काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर, अमित मोदी के मुताबिक, हम दिसंबर तिमाही में RBI की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. रियल एस्टेट क्षेत्र को इसका लंबे समय से इंतजार है. इसका असर लग्जरी हाउसिंग पर ज्यादा नहीं होगा, लेकिन यह पूरे क्षेत्र के लिए बड़ा कदम साबित होगा.
MRG ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, रजत गोयल के मुताबिक, ब्याज दरों में कटौती रियल एस्टेट क्षेत्र को बूस्ट दे सकती है. इससे लोन सस्ता होने की उम्मीद बढ़ेगी. लग्जरी हाउसिंग मार्केट पर इसका अच्छा असर देखने को मिल सकता है. कम ब्याज दर से डेवलपर्स को पैसे उधार लेने में आसानी होगी. इससे बेहतर प्रोजेक्ट्स बन सकेंगे. तिरस्या एस्टेट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, रवींद्र गांधी के मुताबिक, डेवलपर्स और घर खरीदारों दोनों के लिए उधारी की लागत कम तभी होगी, जब ब्याज दरों में कटौती हो. साथ ही, यह प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग को भी बढ़ावा देगा, जिससे प्रोजेक्ट्स जल्दी पूरे होंगे.
रियल एस्टेट सेक्टर पर महंगे कर्ज का असर
महंगी ब्याज दरों का सीधा प्रभाव रियल एस्टेट सेक्टर पर देखा जा सकता है. होम लोन की ऊंची EMI ने कई खरीदारों को प्रॉपर्टी खरीदने से रोक रखा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्याज दरें कम होने से न सिर्फ अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड बढ़ेगी, बल्कि लग्जरी सेगमेंट में भी निवेश बढ़ सकता है. इसके अलावा, छोटे और मध्यम डेवलपर्स के लिए फंडिंग आसान होगी, जिससे नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत में तेजी आ सकती है.
क्या उम्मीद कर सकते हैं?
RBI ने फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट (Repo rate) में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि, वित्त मंत्री के इस बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में RBI क्या कदम उठाता है.
टैक्स और कर्ज पर क्या है सरकार का रुख
वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया पर टैक्स राहत को लेकर भी मिडिल क्लास की चिंताओं को समझने की बात कही. उन्होंने लिखा, “हमारी सरकार हमेशा लोगों की आवाज सुनती है और उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देती है.
वित्त मंत्री का यह बयान मिडिल क्लास और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए उम्मीदों की नई लहर लेकर आया है. अगर आरबीआई इस दिशा में कदम उठाता है, तो न सिर्फ लोगों को सस्ती EMI का फायदा मिलेगा, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी नई रफ्तार मिलेगी.