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November 8, 2024 3:59 am

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Farmers Protest: बोले- ये हैं मंद; कृषि मंत्री बनने के महज 24 घंटे बाद ही किसानों ने खोला शिवराज के खिलाफ मोर्चा….

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय आवंटित करने के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के फैसले के खिलाफ बुधवार (12 जून) को प्रदर्शन किया. किसान मोर्चा ने जून 2017 में मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुई छह किसानों की हत्या के लिए भी चौहान को जिम्मेदार ठहराया.

बुधवार को जारी किए गए बयान में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि जब किसान स्वामीनाथन आयोग द्वारा दिए गए ‘लागत का ढाई गुना’ फॉर्मूले पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने, व्यापक ऋण माफी की मांग और किसानों की आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन कर रहे थे, उस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की ‘हत्या’ की गई.

संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि 10 जुलाई को राजधानी दिल्ली में उनकी आम सभा की बैठक होगी. इस बैठक में पूरे भारत से मोर्चे के घटक किसान संगठनों के किसान नेता शामिल होंगे.

‘शिवराज को कृषि मंत्री बनाना असंवेदनशीलता’

एसकेएम ने कहा, ‘शिवराज सिंह चौहान को किसान कल्याण मंत्री बनाने का निर्णय, 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्ण बहुमत वाली पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा प्रदर्शित अहंकार और असंवेदनशीलता का प्रतीक है. इस निर्णय ने पूरे देश में किसानों और ग्रामीणों में रोष पैदा कर दिया है.’

जून 2017 में मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिसकर्मियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों द्वारा प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें छह किसानों की मौत हो गई थी.

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सरकार ने नहीं लिया किसानों को लेकर कोई फैसला

अब रद्द किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि राजग सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में गंभीर कृषि संकट और किसानों की आत्महत्या या अन्य बातों के अलावा एमएसपी पर लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया.

एसकेएम ने कहा, ‘ पीएम किसान सम्मान निधि का बकाया 20,000 करोड़ रुपया जारी करने के नाम पर जो हो-हल्ला मचाया जा रहा है, यह योजना किसानों को संतुष्ट नहीं करेगी, क्योंकि यह एमएसपी प्रदान न करने की सरकार की नीयत और कृषि क्षेत्र के कॉर्पोरेट अधिग्रहण की नीतियों पर परदा डालना है.’

कंगना रनौत मामले पर क्या बोला संयुक्त किसान मोर्चा?

उन्होंने कहा कि कृषि पर कॉर्पोरेट नीतियों में बदलाव को लेकर किसानों में कोई भ्रम नहीं है. उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई 10 जुलाई की बैठक में तय की जाएगी. भाजपा सांसद कंगना रनौत को सीआईएसएफ कर्मी द्वारा थप्पड़ मारे जाने की घटना पर टिप्पणी करते हुए एसकेएम ने कहा, ‘एसकेएम इसे उचित नहीं ठहराता.’

संयुक्त किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल 13 जून को लखीमपुर खीरी के शहीदों के परिवारों से भी मुलाकात करेगा और भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा मामले में गलत फंसाये गए किसानों को कानूनी सहायता जारी रखना सुनिश्चित करेगा.

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