राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद से तबादले की आस लगाए बैठे तृतीय श्रेणी अध्यापकों को बड़ा झटका लगा है। भजनलाल सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी तबादलों पर रोक है और तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले भी अभी नहीं होंगे। बता दें कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद उम्मीद जगी थी कि तबादलों से रोक हटेगी। लेकिन, अब नई सरकार के राज में भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले का जवाब नहीं बदला है।
विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक कैलाश वर्मा ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर पर विचार कर रही है? यहीं हां, तो कब तक हो पाएंगे और यदि नहीं तो क्यों? जिस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावरने लिखित जवाब में कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है। स्थानान्तरण के संबंध में आमजन, शिक्षाविद् एवं शैक्षिक संगठनों के विचार व सुझाव आमंत्रित कर नीति बनाने की कार्यवाही विचाराधीन है।
कई बार बनी नीति और प्रारूप
1994: पूर्व शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में 1994 में कमेटी बनी। इस समिति ने प्रारूप बना दिया। लेकिन रिपोर्ट लागू नही हो सकी।
1997-98: नीति लाने को कवायद हुई लेकिन हुआ कुछ नहीं। इस साल तबादला को लेकर अलग से निर्देश जरूर जारी किए गए
2005: शिक्षकों के तबादलों में राहत देने के लिए दिशा-निर्देश जारी हुए।
2015-18: तबादलों के लिए मंत्री मण्डलीय समिति के साथ अन्य कमेटी बनाई। लेकिन प्रारूप लागू नहीं हो सका।
2020: जनवरी महीने में कमेटी बनी। कमेटी ने अगस्त में रिपोर्ट दी। लेकिन, केबिनेट में मंजूरी नहीं।
2024: तबादलों को लेकर नीति बनाने की कार्यवाही विचाराधीन
वसुंधरा राज में खुले थे अंतिम बार तबादले
गौरतलब है कि राजस्थान में अंतिम बार वसुंधरा राज में तबादले खोले गए थे। इसके बाद पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने तृतीय श्रेणी के तबादले नहीं किए थे। ऐसे में शिक्षकों को आस थी कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद तबादलों से रोक हट जाएगी। लेकिन, भजनलाल सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।