केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया. ये एक महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट होता है, जो कि इकोनॉमी की फाइनेंशियल हेल्थ का पूरा लेखा-जोखा पेश करता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया. इसकी 10 बड़ी बातों का जिक्र करें, तो Modi 3.0 का विशेष फोकस देश के एग्रीकल्चर सेक्टर और रोजगार पर है. आइए जानके हैं क्या-क्या खास है इस सर्वे में..
1- एग्रीकल्चर सेक्टर पर फोकस
सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की प्रगति को और रफ्तार देने के लिए कृषि क्षेत्र इंजन का काम करेगा और सर्वे में एग्रीकल्चर सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया गया है. इसके अलावा सरकार के Economic Survey पर देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी जोर रहा है. इसके साथ ही भारत को ड्रोन हब बनाने पर भी सरकार का फोकस रहेगा.
2- बेरोजगारी घटी अब रोजगार पर जोर
Economic Survey में कहा गया है कि नॉन एग्रीकल्चर सेक्टर में साल 2030 तक औसतन सालाना करीब 78.5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है. हालांकि, इसमें साफ किया गया है कि देश में बेरोजगारी दर में गिरावट आई है और Covid-19 महामारी के बाद से इसमें गिरावट आ रही है. 15 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों के लिए शहरी बेरोजगारी दर 6.8% से घटकर मार्च 2024 तक 6.7% पर आ गई.
3- महिला स्वरोजगार में तेजी
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि महिला सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट में तेजी आई है और सरकार के प्रयासों के चलते भारत की 57.3% वर्कफोर्स सेल्फ-एम्प्लॉयड है और इसमें महिलाओं की भागीदारी उत्साह पैदा करने वाली है, जिसमें महिला सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट में जबर्दस्त बदलाव देखने को मिला है.
4- निजी निवेश की रफ्तार तेज
सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर जोर दिए जाने और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट में लगातार आ रही तेजी के कारण Gross Foxed Capital Formation को बढ़ावा मिला है. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, 2023-24 में इसमें 9 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
5- जीडीपी ग्रोथ का ये अनुमान
Modi 3.0 द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण FY25 में भारत की जीडीपी को लेकर जिक्र किया गया. इस रिपोर्ट में देश की फाइनेंशियल हेल्थ का लेखा-जोखा पेश करते हुए कहा है कि देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 से 7 फीसदी तक है.
6- बैंकों की बैलेंस शीट दुरुस्त
इकोनॉमिक सर्वे में कंपनियों और बैंकों की बैलेंस शीट (Bank Balance Sheet) मजबूत होने का दावा किया गया है. इसके साथ ही कहा गया है कि प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को और भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
7- विदेशी भारतीयों ने जमकर भेजा पैसा
सर्वे में ये भी जिक्र किया गया है कि जो भारतीय मूल के लोग दुनिया के तमाम देशों में रह रहे हैं, उन्होंने अपने परिजनों को जो पैसा भेजा है, उसका आंकड़ा लगातार बढ़ा है. डेटा के मुताबिक, विदेश में बसे भारतीयों ने 2024 के दौरान देश में 124 अरब डॉलर का रेमिटेंस भेजे हैं. साल 2025 में इसके 129 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान.
8- भारतीय बाजार का प्रदर्शन शानदार
भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यस्थ है और आर्थिक सर्वे में इसकी ग्रोथ स्टोरी में कैपिटल मार्केट की अहम भूमिका रही है. Stock Market ग्लोबल टेंशन और तमाम आर्थिक झटकों के बीच शानदार परफॉर्मेंस दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर मार्केट का निफ्टी-50 इंडेक्स वित्त वर्ष 24 के दौरान 26.8 फीसदी की बढ़त में रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 8.2 फीसदी की गिरावट में था.
9- AI का दिख सकता है असर
Economic Survey में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (AI) के कर्मचारियों पर पड़ने वाले असर को लेकर काफी अनश्चितता है. सर्वे रिपोर्ट में अनुमान जाहिर किया गया है कि एआई से प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी तो होगी, लेकिन इसका कुछ सेक्टर्स में रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
10- महंगाई में कमी की उम्मीद
इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट में मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद जताई गई है. ऐसे में महंगाई दर (Inflation Rate) में गिरावट आ सकती है. इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने भी चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर के 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है.