अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (जवाबी टैक्स) ठोंक दिया है। ट्रंप ने इसे डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ का नाम दिया है। टैरिफ की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा यह मुक्ति दिवस है। जिसका अमेरिका लंबे समय से इंतजार कर .कर रहा था। ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। ट्रंप ने अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका के दौरे का भी जिक्र किया है। वहीं चीन पर 34 फीसदी और पाकिस्तान पर 29 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। अमेरिका के इस टैरिफ घोषणा से दुनिया में खलबली मच गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरनेशनल व्यापार नीति को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सबसे अधिक झटका तो चीन और पाकिस्तान को मिला है। ट्रंप के इस फैसले से भारत में कृषि, फार्मा, रसायन, औषधि, चिकित्सकीय उपकरण, इलेक्ट्रिकल और मशीनरी सहित कई प्रमुख क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
पीएम मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं – डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अमेरिका आए थे। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। लेकिन, इस दौरे के दौरान मैंने प्रधानमंत्री मोदी को कहा कि आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। भारत हमेशा अमेरिका से 52 फीसदी टैरिफ वसूलता है। इसलिए हम उनसे आधा 26 फीसदी टैरिफ लेंगे। ट्रंप के इस फैसले से भारतीय कंपनियों को अमेरिका के साथ कारोबार करना महंगा साबित हो सकता है। जानकारों का कहना है कि भारत को इस टैरिफ से बहुत अधिक नुकसान नहीं होगा। भारत के निर्यात में 3-3.5% तक गिरावट हो सकती है। निर्माण और सेवा क्षेत्र में बढ़ते निर्यात से असर कम होगा।
किस देश पर कितना टैक्स?
ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाया है। मसलन वियतनाम से होने वाले आयात पर 46 फीसदी, स्विटजरलैंड पर 31, ताइवान पर 22, जापान पर 24, ब्रिटेन पर 10, ब्राजील पर 10, इंडोनेशिया पर 32, सिंगापुर पर 10, दक्षिण अफ्रीका पर 30 फीसदी, इजरायल पर 17 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। उन्होंने विदेश से ऑटोमोबाइल के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है, जबकि ऑटो पार्ट पर भी इतना ही टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ऑटोमोबाइल पर नया टैरिफ 3 अप्रैल से और ऑटो पार्ट 3 मई से लागू होगा।
जानिए टैरिफ क्या है?
टैरिफ (Tariff) एक तरह का टैक्स है। इसे सरकारें आयात (import) या निर्यात (export) होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाती हैं। इसका मकसद देश की अर्थव्यवस्था को कंट्रोल करना, घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना, राजस्व कमाना और कारोबार में संतुलन बनाए रखना है। कहने का मतलब ये हुआ कि अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाता है। तब ऐसी स्थिति में अमेरिका भी उस देश से आने वाले सामान पर 10 फीसदी का ही टैरिफ लगाएगा।
